Himachal Pradesh Weather: हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश में 20 जून से अब तक लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे 98 लोगों की मौत हो चुकी है और 178 लोग घायल हुए हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार को सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों के कुछ हिस्सों में भी बारिश होने की संभावना जताई गई है। 17 और 18 जुलाई को भी प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।
भारी बारिश से व्यापक नुकसान, सड़कें और आपूर्ति बाधित
प्रदेश में भारी बारिश के कारण 192 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। साथ ही बिजली और पानी की आपूर्ति भी कई क्षेत्रों में बाधित हुई है। बारिश की वजह से कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और जलभराव के कारण स्थानीय जीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग लगातार प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
मनसून की शुरुआत से अब तक हुई 98 मौतें
20 जून से लेकर 13 जुलाई तक प्रदेश में 98 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 57 मौतें बारिश से संबंधित घटनाओं जैसे बाढ़, बादल फटने, और भूस्खलन के कारण हुई हैं जबकि 41 लोगों की सड़क दुर्घटना में जान गई। इसके अलावा 178 लोग घायल हैं और 34 व्यक्ति अभी भी लापता हैं। इस दौरान प्रदेश में कुल 31 बाढ़, 22 बादल फटने और 18 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे भारी जनहानि और संपत्ति का नुकसान हुआ है।
सिरमौर, सोलन और मंडी में भी भारी बारिश
सोमवार को सिरमौर, सोलन और मंडी जिलों के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई, जिससे स्थानीय प्रशासन और निवासियों की मुश्किलें बढ़ गईं। बारिश के कारण कई स्थानों पर यातायात बाधित हुआ और बचाव कार्य जारी हैं। मौसम विभाग ने भी लगातार लोगों से सतर्क रहने और आपदा से बचाव के निर्देशों का पालन करने को कहा है।
आगे भी जारी रहेगा भारी वर्षा का दौर
मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में भी भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा। इसके चलते लोगों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। प्रशासन भी आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों को पूरी मजबूती से अंजाम देने में लगा हुआ है।
तापमान में गिरावट से बढ़ी मुश्किलें
मौसम में लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश में तापमान में गिरावट आई है, जिससे ठंड बढ़ गई है। कई इलाकों में किसानों को भी फसल नुकसान का खतरा है। इसके अलावा संपर्क बाधित होने से राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।