Rakshabandhan 2024: रक्षाबंधन, भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भाई-बहन के रिश्ते को सशक्त बनाने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन देते हैं। अच्छे मुहूर्त में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।
रक्षाबंधन 2024 की तिथियाँ और शुभ मुहूर्त
इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01:30 से लेकर रात्रि 09:07 तक रहेगा। इस मुहूर्त के दौरान भाई की कलाई पर राखी बांधना शुभ होता है।
वास्तु और घर की सजावट के टिप्स
वास्तु के अनुसार, घर का मुख्य द्वार एक महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जो आपकी और आपके भाई की समृद्धि के लिए लाभकारी हो सकती है। रक्षाबंधन के दिन मुख्य द्वार पर ताजे फूलों और पत्तियों से बनी बंधनवार लगाएं और रंगोली से घर को सजाएं। यह न केवल घर को खूबसूरत बनाता है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करता है।
रक्षाबंधन पूजा विधि
पूजा के लिए एक थाली में स्वास्तिक बनाएं और उसमें चंदन, रोली, अक्षत, राखी, मिठाई, और कुछ ताजे फूलों के बीच में एक घी का दीया रखें। दीपक प्रज्वलित कर सबसे पहले अपने ईष्टदेव को तिलक लगाएं, राखी बांधें और आरती उतारें। मिठाई का भोग लगाएं। फिर भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाएं। उनके सिर पर रुमाल या कोई वस्त्र रखें और माथे पर रोली-चंदन और अक्षत का तिलक लगाएं। उनके हाथ में नारियल दें।
राखी बांधने का विशेष मंत्र और पूजा विधि
राखी बांधते समय “येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:” इस मंत्र का उच्चारण करें। यह मंत्र भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधते समय पढ़ें। इसके बाद भाई की आरती उतारकर मिठाई खिलाएं और उनके उत्तम स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
धार्मिक मान्यताएँ और स्नान-पुण्य की महत्ता
रक्षाबंधन के दिन देवताओं, ऋषियों और पितरों का तर्पण करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है। इस दिन नदियों, तीर्थों, जलाशयों आदि में पंचगव्य से स्नान और दान-पुण्य करने से ईष्ट कार्य सिद्ध होते हैं।
रक्षासूत्र बांधने के नियम और वास्तु शास्त्र
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बांधना चाहिए, जबकि विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में राखी बांधने का विधान है। भाइयों को राखी बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी को बंद रखकर दूसरा हाथ सिर पर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार काले रंग को औपचारिकता, बुराई, नीरसता और नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए रक्षाबंधन के दिन काले रंग से बचना चाहिए।
रक्षाबंधन, भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने का एक अद्भुत अवसर है और इसके साथ जुड़ी परंपराएं और धार्मिक विधियां इस पर्व को और भी खास बनाती हैं।