रक्षाबंधन हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और रक्षा के बंधन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
रक्षाबंधन की परंपरा केवल भावनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक और पौराणिक महत्व भी छिपा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रक्षाबंधन की शुरुआत राजा बलि और माता लक्ष्मी से जुड़ी एक कथा से हुई थी, जिसमें लक्ष्मी जी ने राजा बलि को राखी बांधकर भगवान विष्णु को बैकुंठ धाम ले जाने की युक्ति अपनाई थी।
रक्षाबंधन 2025: तिथि और समय
रक्षाबंधन 2025 में यह पर्व शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि प्रातः 10:45 बजे से आरंभ होकर अगले दिन सुबह 07:10 बजे तक रहेगी।
लेकिन राखी बांधने का समय भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्रा काल इस दिन दोपहर 01:35 बजे तक रहेगा। अतः राखी बांधने का शुभ समय दोपहर बाद आरंभ होगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
- भद्रा काल समाप्ति: दोपहर 01:35 बजे
- शुभ राखी बांधने का समय: दोपहर 01:35 बजे से रात 09:00 बजे तक (पूर्णिमा तिथि के भीतर)
ध्यान रहे कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य, विशेषकर रक्षा सूत्र बांधना वर्जित माना जाता है। अतः राखी बांधने से पूर्व इस समयावधि की सावधानीपूर्वक गणना करें।
पर्व मनाने के नियम व परंपराएं
इस दिन सुबह स्नान आदि कर पूजा की तैयारी की जाती है। थाल में राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखकर भाई की आरती की जाती है। राखी बांधते समय बहनें भगवान से भाई की रक्षा की प्रार्थना करती हैं और भाई उन्हें उपहार देते हैं।
शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन न केवल एक पारंपरिक त्योहार है, बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को भी मजबूती प्रदान करता है। यदि शुभ मुहूर्त और धार्मिक नियमों का पालन कर इस पर्व को मनाया जाए, तो यह और भी मंगलमय हो जाता है।

