Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की नजदीकी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल दी है। मंगलवार को राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकलते देखा गया। यह पैरोल हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद दी गई है, जिसमें सरकार को राम रहीम की पैरोल या फरलो पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी। राम रहीम का काफिला सुनारिया जेल से निकलकर बरनावा आश्रम की ओर रवाना हुआ है। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर राम रहीम पहली बार जेल से बाहर रहेगा।
पैरोल और फरलो पर उठा विवाद
राम रहीम को पैरोल और फरलो देने के फैसलों पर हमेशा विवाद होते रहे हैं। सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि चुनावी लाभ के लिए राम रहीम को पैरोल दी जाती है। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में भी मामला पहुंचा था, लेकिन कोर्ट ने हरियाणा सरकार को पैरोल और फरलो देने का अधिकार दिया था। अब राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिल चुकी है, जिसके बाद वह जेल से बाहर आ गया है।
राम रहीम की पैरोल का इतिहास
राम रहीम को पहले भी कई बार पैरोल और फरलो मिल चुकी है। इसमें प्रमुख तारीखें शामिल हैं:
- 24 अक्टूबर 2020: 1 दिन की पैरोल
- 21 मई 2021: 1 दिन की पैरोल
- अक्टूबर 2022: 40 दिन की पैरोल
- जून 2022: 1 महीने की पैरोल
- 7 फरवरी 2022: 21 दिन की पैरोल
- 21 जनवरी 2023: 40 दिन की फरलो
- 20 जुलाई 2023: 30 दिन की पैरोल
- नवंबर 2023: 21 दिन की पैरोल
- 19 जनवरी 2024: 50 दिन की पैरोल (बाद में 10 दिन और बढ़ाई गई)
- 12 अगस्त 2024: 21 दिन की फरलो
सजा के मामले और राम रहीम
गौरतलब है कि राम रहीम 2 अलग-अलग मामलों में सजा काट रहा है। 17 जनवरी 2019 और 18 अक्टूबर 2021 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। राम रहीम को 2 महिला अनुयायियों से रेप के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई है, साथ ही वह पत्रकार मर्डर केस में भी दोषी पाया गया है।
राम रहीम को पैरोल और फरलो देने के फैसले पर उठे विवाद के बावजूद, हरियाणा सरकार ने उसे 21 दिन की पैरोल दी है। चुनावी माहौल में यह निर्णय निश्चित रूप से राजनीतिक चर्चाओं को जन्म देगा। राम रहीम का जेल से बाहर आना, विशेष रूप से चुनावी समय में, सियासी परिप्रेक्ष्य में गहरा महत्व रखता है।