RBI Currency: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 100 और 200 रुपये के नए नोटों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इन नए नोटों को जल्द ही बाजार में जारी किया जाएगा, लेकिन इनकी डिज़ाइन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। एकमात्र बदलाव यह होगा कि इन नए नोटों पर गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। यह प्रक्रिया सामान्य है, जिसमें हर नए गवर्नर के आने के बाद उनके हस्ताक्षर वाले नोट जारी किए जाते हैं।
क्या पुराने नोट होंगे चलन से बाहर?
बहुत से लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या पुराने 100 और 200 रुपये के नोट अब चलन से बाहर हो जाएंगे। आरबीआई ने इस सवाल का स्पष्ट जवाब दिया है। पुराने नोट पूरी तरह से वैध रहेंगे और इनका उपयोग सामान्य रूप से जारी रहेगा। इसका मतलब है कि पुराने नोटों को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है और ये नोट आने वाले वर्षों तक प्रयोग किए जा सकेंगे।
आरबीआई के आंकड़ों से कैश सर्कुलेशन में वृद्धि
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में भारतीय कैश सर्कुलेशन 13.35 लाख करोड़ रुपये था, जबकि मार्च 2024 तक यह बढ़कर 35.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसका मतलब यह है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में नकद का उपयोग काफी बढ़ा है। यह बढ़ी हुई कैश सर्कुलेशन और डिजीटल भुगतान के बीच सामंजस्य दर्शाता है।
2000 रुपये के नोट की बंदी के बावजूद बढ़ा कैश फ्लो
2000 रुपये के नोटों की बंदी के बावजूद भारत में कैश फ्लो में वृद्धि जारी है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2020 में UPI के माध्यम से डिजिटल लेन-देन 2.06 लाख करोड़ रुपये था, जो फरवरी 2024 तक बढ़कर 18.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 2024 के अंत तक, डिजिटल ट्रांजैक्शन का आंकड़ा लगभग 172 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
ATM से सबसे ज्यादा पैसे कहां निकाले गए?
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 के दौरान सबसे ज्यादा पैसे दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में ATM से निकाले गए। त्योहारों और चुनावों के दौरान इन राज्यों में नकदी की मांग में वृद्धि होती है, जिससे ATM से पैसे निकालने की दर भी अधिक रहती है। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट की पहुंच सीमित होने के कारण लोग कैश का अधिक इस्तेमाल करते हैं।