Red Fort blast: सोमवार शाम दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास एक जबरदस्त धमाके ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यह विस्फोट लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक कार में हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास की इमारतें हिल गईं और लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाके के तुरंत बाद धुएं का बड़ा गुबार उठा और कुछ ही मिनटों में कई गाड़ियों में आग लग गई। दमकल विभाग की कई टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने के साथ राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
लाल मंदिर तक पहुंचा धमाके का असर, टूटे शीशे और गिरी कार के पुर्जे
विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि धमाके से कुछ दूरी पर स्थित लाल मंदिर के भीतर तक झटका महसूस हुआ। कार का एक हिस्सा मंदिर के प्रांगण में जा गिरा, जिससे मंदिर के शीशे और दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए।
आसपास की कई दुकानों के शटर उखड़ गए और खिड़कियां चकनाचूर हो गईं। व्यापारियों के अनुसार, धमाका इतना शक्तिशाली था कि कुछ समय के लिए ऐसा लगा मानो भूकंप आ गया हो।
धमाके के बाद आग, चांदनी चौक तक महसूस हुआ कंपन
विस्फोट के तुरंत बाद आस-पास की दुकानों में आग लगने की सूचना मिली। चांदनी चौक के प्रसिद्ध भागीरथ पैलेस इलाके तक कंपन महसूस किया गया। वहां के व्यापारियों ने बताया कि धमाके के बाद बिजली कुछ देर के लिए चली गई और लोग एक-दूसरे को फोन करके हालात पूछते रहे।
कई बसों और निजी वाहनों में भी आग लगने की खबरें आई हैं। आसपास के इलाकों — जामा मस्जिद, दरियागंज और लाल किला रोड — को पूरी तरह खाली कराया गया है।
फोरेंसिक और एनएसजी टीम जांच में जुटी, इलाके की घेराबंदी
घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गईं। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है और हर दिशा से आवागमन रोक दिया गया है।
फोरेंसिक विशेषज्ञ विस्फोट स्थल से कार के जले हुए हिस्से, मलबे और धातु के टुकड़े इकट्ठा कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके में कौन-सा विस्फोटक पदार्थ इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि धमाके से ठीक पहले कार के आसपास कोई संदिग्ध व्यक्ति तो नहीं था।
कई लोग घायल, अस्पतालों में भर्ती
अधिकारियों के अनुसार, धमाके में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें राहगीर और स्थानीय दुकानदार शामिल हैं। घायलों को नजदीकी एलएनजेपी और अरुणा आसफ अली अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि कुछ की हालत गंभीर है।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “विस्फोट इतना तेज था कि आसपास खड़ी गाड़ियों के टुकड़े दूर-दूर तक फैल गए। आग पर काबू पाने में करीब आधा घंटा लगा।”
दिल्ली समेत पांच राज्यों में हाई अलर्ट घोषित
इस धमाके के बाद सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के आदेश दिए हैं, जबकि अन्य राज्यों के प्रमुख शहरों — लखनऊ, मुंबई, भोपाल और कोलकाता — में भी मेट्रो, रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
गृह मंत्रालय ने सभी एजेंसियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और घटना की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही है।
सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि “दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है और घायलों के इलाज के लिए तत्काल सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यह हमला दिल्ली की शांति और सुरक्षा पर सीधा प्रहार है, जांच पूरी गंभीरता से की जाएगी।”
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर, जांच जारी
लाल किला ब्लास्ट ने एक बार फिर देश की राजधानी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की तह तक जाने में जुटी हैं कि क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था या किसी आतंकी संगठन की सोची-समझी कार्रवाई।
फिलहाल, पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जांच एजेंसियां साक्ष्य जुटाने में लगी हैं। दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें।

