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तिरुपति बालाजी में श्रीवारी लड्डू प्रसादम की पुनर्बहाली

तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रीवारी लड्डू प्रसादम को फिर से भक्तों के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। मंदिर ट्रस्ट ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि लड्डू प्रसाद की पवित्रता बहाल हो गई है। इससे पहले इस प्रसाद को लेकर गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिसके चलते प्रसाद के वितरण पर रोक लगा दी गई थी।

लड्डू प्रसाद में मिलावट का विवाद

तिरुपति मंदिर के श्रीवारी लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले तेल के उपयोग का आरोप लगने के बाद आंध्र प्रदेश में बड़ा बवाल खड़ा हो गया था। आरोप था कि लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी का उपयोग हो रहा है, जिसके चलते धार्मिक और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार पर इस मामले को लेकर जोरदार हमला बोला।

टीडीपी का दावा और रिपोर्ट

टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने दावा किया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में मिलावट पाई गई है। उन्होंने गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि घी के नमूनों में “पशु की चर्बी”, “लार्ड” (सूअर की चर्बी), और मछली के तेल की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। यह नमूने 9 जुलाई 2024 को लिए गए थे और 16 जुलाई 2024 को रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। टीडीपी ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया और इसे सरकार के खिलाफ हथियार बनाते हुए प्रसाद की पवित्रता पर सवाल उठाए।

सरकार और टीटीडी की प्रतिक्रिया

हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इन आरोपों पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। टीटीडी, जो श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है, ने अभी तक प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई बयान जारी नहीं किया है। दूसरी ओर, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने टीडीपी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि नायडू के इन आरोपों से न केवल भगवान की पवित्रता पर आंच आई है, बल्कि भक्तों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है।

विवाद के बाद प्रसाद वितरण पर रोक

लड्डू प्रसादम को लेकर विवाद बढ़ने के बाद मंदिर प्रशासन ने प्रसाद के वितरण पर अस्थायी रोक लगा दी थी। यह निर्णय तब लिया गया जब धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले आरोप सामने आए। हालांकि, मंदिर ट्रस्ट ने अब लड्डू प्रसाद की पवित्रता को बहाल कर दिया है और इसे फिर से भक्तों को वितरित किया जा रहा है।

इस पूरे प्रकरण ने तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिष्ठा और धार्मिक पवित्रता को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए थे, लेकिन मंदिर प्रशासन ने समय रहते विवाद को शांत करने की कोशिश की है।

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