बाबासाहेब आंबेडकर के अपमान से जुड़े मुद्दे पर गुरुवार को विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों के बीच संसद परिसर में तीव्र नोकझोंक और प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के सांसदों के बीच कथित तौर पर धक्का-मुक्की हुई, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। दोनों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें तत्काल राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच, राज्यसभा में सरकार ने विपक्षी नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। नगालैंड की भाजपा सांसद फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी उनके पास आए और चिल्लाने लगे, जिससे वह असहज महसूस करने लगीं।
राहुल गांधी पर गंभीर आरोप
नगालैंड की भाजपा सांसद फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया कि जब वह अन्य सांसदों के साथ संसद के मकर द्वार के पास प्रदर्शन कर रही थीं, तो लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनके पास आए और उन पर चिल्लाने लगे। फान्गनॉन कोन्याक ने इस घटना को लेकर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह व्यवहार उनके साथ अभद्रता करने वाला था और उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई। उन्होंने इसे एक बेहद दुखद घटना बताया और कहा कि इस तरह का व्यवहार संसद में नहीं होना चाहिए था।
फान्गनॉन कोन्याक की प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद फान्गनॉन कोन्याक ने राहुल गांधी के व्यवहार पर अपनी असहमति जताई और कहा कि उनका इस तरह चिल्लाना बिल्कुल शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि वह खुद को इस स्थिति में असहज महसूस कर रही थीं, क्योंकि वह न केवल एक सांसद हैं, बल्कि एक महिला और एसटी समुदाय से भी आती हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा की चिंता भी व्यक्त की और कहा कि उन्हें इस प्रकार के व्यवहार का सामना नहीं करना चाहिए था। इसके बाद, उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से इस मामले की गंभीरता से जांच करने की अपील की।
एस फान्गनॉन कोन्याक का परिचय
नगालैंड से आने वाली एस फान्गनॉन कोन्याक की पहचान एक तेजतर्रार महिला नेता के रूप में की जाती है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा होली क्रॉस सीनियर सेकेंडरी स्कूल दीमापुर से की और इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। वह नागालैंड से राज्यसभा सांसद बनने वाली पहली महिला हैं। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे ने संसद परिसर में एक नई हलचल पैदा की है।
बाबासाहेब आंबेडकर के अपमान को लेकर संसद में हुए विवाद और प्रदर्शन ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इस घटना के दौरान भाजपा सांसदों की चोटिल होने की खबरें आईं, और राहुल गांधी पर महिला सांसद को लेकर अभद्र व्यवहार के आरोप लगे। इस घटना के बाद से यह सवाल उठता है कि संसद में इस तरह का व्यवहार कब तक सहन किया जाएगा, और क्या इस तरह के मुद्दों को गंभीरता से निपटने की आवश्यकता है।