Premanand Maharaj:वृंदावन में निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर शनिवार की रात लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन और परिक्रमा के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे, जिससे पूरे शहर की यातायात और व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा। सड़कों पर वाहन और पैदल चल रहे श्रद्धालु बुरी तरह फंस गए, जिससे जाम की स्थिति बन गई। स्थिति को देखते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया।
पदयात्रा रद्द होने की सूचना से भक्त हुए निराश
शनिवार रात जैसे ही संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित करने की घोषणा की गई, सड़कों पर मौजूद हजारों भक्तों के बीच निराशा की लहर दौड़ गई। माइक से जैसे ही सूचना दी गई, वैसे ही श्रद्धालु मायूस होकर लौटने लगे। लोगों ने दूर-दराज से आकर संत के दर्शन और पदयात्रा में भाग लेने की योजना बनाई थी, लेकिन अचानक रद्द होने से कई अनुयायियों की उम्मीदें अधूरी रह गईं।
शहर में रविवार को भी रहा भीड़ और जाम का दबाव
रविवार सुबह होते ही एक बार फिर से वृंदावन की सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। परिक्रमा मार्ग, मंदिर क्षेत्र और प्रमुख सड़कों पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त रही। पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था भीड़ के आगे नाकाफी साबित हुई। थक-हारकर लोग पैदल ही आगे बढ़ते नजर आए।
संत प्रेमानंद ने भीड़ के दबाव को देखते हुए लिया निर्णय
संत प्रेमानंद महाराज, जो अपनी धार्मिक पदयात्राओं और भक्तिमयी शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रात्रिकालीन पदयात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया। प्रशासनिक अधिकारियों और सेवकों की सलाह पर यह कदम उठाया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
श्रद्धालुओं से की गई संयम और सहयोग की अपील
पदयात्रा स्थगित होने के बाद संत प्रेमानंद महाराज की टीम की ओर से श्रद्धालुओं से अपील की गई कि वे संयम और धैर्य बनाए रखें। संत जी की अगली पदयात्रा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। साथ ही प्रशासन द्वारा भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए समीक्षा की जा रही है।