महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की स्थिति को लेकर न केवल आलोचना की, बल्कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को भी कांग्रेस की विफलता का प्रतीक बताया। निरुपम ने कहा, “कांग्रेस का पतन तो होना ही था। अगर राहुल गांधी 100 करोड़ रुपये खर्च करके देशभर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रहे हैं और इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी को 100 सीट भी नहीं मिल रही तो यह कांग्रेस का दुर्भाग्य है, न कि उपलब्धि।”
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर संजय निरुपम की टिप्पणी
संजय निरुपम ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कहा कि इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने लाखों किलोमीटर पैदल चलने और करोड़ों लोगों से संवाद करने का दावा किया था, लेकिन अगर इसके बावजूद कांग्रेस को चुनावों में सफलता नहीं मिलती तो यह पार्टी के पतन की ओर इशारा करता है। निरुपम ने कहा, “अगर राहुल गांधी 100 करोड़ रुपये खर्च करके चार हजार किलोमीटर पैदल चलकर कहते हैं कि उन्होंने लाखों लोगों से सीधा संवाद किया, तो भी यदि लोकसभा चुनाव में पार्टी को 100 सीट भी नहीं मिलती, तो यह कांग्रेस की उपलब्धि नहीं, बल्कि दुर्भाग्य है।”
संजय निरुपम का कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन पर बयान
संजय निरुपम ने कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन के फैसले को भी आलोचना का शिकार बनाया। उन्होंने खुलासा किया कि साल 2019 में जब कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन हुआ, तब वह इस गठबंधन के खिलाफ थे और उन्होंने खुलकर विरोध किया था। निरुपम का कहना था, “मैं अकेला था जिसने 2019 में इस गठबंधन का विरोध किया था। मैंने कहा था कि यह गठबंधन दोनों पार्टियों के लिए नुकसानदायक होगा। और अब देखिए, कांग्रेस का पतन हो चुका है।”
उन्होंने आगे कहा कि भले ही लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की कुछ सीटों में वृद्धि हुई, लेकिन वह वृद्धि कांग्रेस के प्रयासों से नहीं, बल्कि अन्य परिस्थितियों के कारण थी। निरुपम के अनुसार, बीजेपी के चुनाव प्रचार का मूड बहुत ही नकारात्मक था और अल्पसंख्यक वोटरों ने इस चुनाव में पहले की तुलना में अलग तरीके से वोट दिया, जिससे कांग्रेस को कुछ फायदा हुआ। हालांकि, वह यह भी मानते हैं कि यह स्थिति हमेशा नहीं बनी रह सकती। निरुपम ने कहा, “बीजेपी ने 2019 में महाराष्ट्र और हरियाणा में लोकसभा चुनाव हारने के बाद अपनी स्थिति सुधारने के लिए कठोर प्रयास किए, जिसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं।”
कांग्रेस की कर्महीनता पर संजय निरुपम की कड़ी टिप्पणी
संजय निरुपम ने कांग्रेस नेताओं की कर्महीनता पर भी कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने लगातार तीन लोकसभा चुनावों में हार के बावजूद अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी और तीसरी बार हारने के बाद भी खुशी मना रहे थे। निरुपम ने कहा, “कांग्रेस के नेताओं की कर्महीनता को देखते हुए मैं इसे कांग्रेस की उपलब्धि नहीं मानता। लगातार हारने के बावजूद पार्टी के नेता चाहते हैं कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद मिले, जबकि हकीकत में कांग्रेस का पतन धीमे जरूर हुआ है, लेकिन यह थमा नहीं है। अब कांग्रेस की कभी भी वापसी नहीं हो सकती है।”
संजय निरुपम का यह बयान कांग्रेस के लिए एक कड़ी चेतावनी के रूप में सामने आया है। उनका मानना है कि पार्टी की नीतियों और नेतृत्व की कमी के कारण कांग्रेस अब पुनः अपने गौरव की स्थिति में लौटने में सक्षम नहीं होगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस का पतन अब अपरिहार्य है और इसमें कोई संदेह नहीं है।