राज्यसभा सांसद संजय सिंह का गंभीर आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय सक्सेना और स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यौन शोषण के आरोपित चिकित्सा अधीक्षक (MS) को उपराज्यपाल संरक्षण दे रहे हैं। संजय सिंह ने एलजी पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या एलजी साहब को कोलकाता जैसी खतरनाक घटना का इंतजार है?” उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की एक महिला डॉक्टर ने चिकित्सा अधीक्षक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, लेकिन इसके बावजूद पीड़ित के बजाय आरोपी को बचाया जा रहा है।
यौन शोषण के आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं
संजय सिंह ने खुलासा किया कि पीड़ित महिला डॉक्टर ने चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए, लेकिन इसके बजाय महिला का ही तबादला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी चिकित्सा अधीक्षक पर यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं। उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाली बात है कि ट्रांसफर ऑर्डर में लिखा गया कि महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, इसलिए उनका ट्रांसफर किया जा रहा है।”
संजय सिंह ने दावा किया कि जब इस मामले की गहराई से जांच की गई, तो और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यह मामला न केवल यौन शोषण का है, बल्कि इसके पीछे उच्च अधिकारियों द्वारा आरोपी को संरक्षण देने की भी साजिश है।
स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार को बर्खास्त करने की मांग
संजय सिंह ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि दीपक कुमार ने पीड़ित महिला डॉक्टर की शिकायतों को नजरअंदाज किया और आरोपी चिकित्सा अधीक्षक को संरक्षण दिया। संजय सिंह ने मांग की कि स्वास्थ्य सचिव को तुरंत बर्खास्त किया जाए और आरोपी चिकित्सा अधीक्षक को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला डॉक्टर लंबे समय से शिकायत दे रही थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एक इंटरनल कमेटी बनाई गई, लेकिन उसका परिणाम यह निकला कि मार्च 2024 में एक पुराने मामले को लेकर उसी महिला डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई।
एलजी से नैतिकता पर सवाल
संजय सिंह ने एलजी विनय सक्सेना की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि उनमें जरा सी भी नैतिकता है, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, “एलजी साहब, आप महिला से यौन शोषण के मुद्दे पर चुप कैसे हैं? क्या आप कोलकाता की घटना को दिल्ली में होते देखना चाहते हैं?” संजय सिंह ने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति ने विनय सक्सेना को उपराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए।
इंटरनल जांच कमेटी का निष्कर्ष
इंटरनल जांच कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए संजय सिंह ने कहा कि मई 2024 में पीड़ित महिला डॉक्टर द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूत सही पाए गए। इसके बावजूद, आरोपी चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। संजय सिंह ने जोर देकर कहा कि मई से लेकर अब तक एलजी द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया, जो एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
संजय सिंह के इन आरोपों ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। यौन शोषण के गंभीर आरोपों पर उपराज्यपाल और स्वास्थ्य सचिव की निष्क्रियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और क्या आरोपी चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं।