Sawan Second Somwar 2025:21 जुलाई 2025 को सावन का दूसरा सोमवार है, जो कि श्रावण मास का पावन दिन माना जाता है। सावन के सोमवार को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत, जलाभिषेक और विशेष पूजा की जाती है। इस दिन शिवभक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और विशेष विधि से पूजा-अर्चना करते हैं।
शिव पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
पूजन का शुभ समय (Puja Muhurat):सावन सोमवार को पूजन का सबसे शुभ समय प्रातः 5:00 बजे से 8:30 बजे तक रहेगा। यह ब्रह्म मुहूर्त से सूर्योदय के बाद तक का समय शिव पूजन के लिए आदर्श माना जाता है।
पूजन विधि (Puja Vidhi)
प्रातः स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
मंदिर जाकर या घर में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं।
दीप प्रज्ज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाएं।
महामृत्युंजय मंत्र या ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
अंत में भगवान शिव की आरती करें और व्रत का संकल्प लें।
सावन सोमवार व्रत के नियम
व्रतधारी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
दिनभर फलाहार लें और सात्विक भोजन ही करें।
क्रोध, कटु वचन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
संभव हो तो मंदिर जाकर शिव दर्शन करें।
किन लोगों को नहीं रखना चाहिए सावन सोमवार व्रत?
गर्भवती महिलाएं, रोगी व्यक्ति, वृद्धजन या जिन्हें चिकित्सक ने उपवास से मना किया हो, वे इस व्रत को न रखें।
ऐसे लोगों को शिव पूजन और मंत्र जाप तक ही सीमित रहना चाहिए।
व्रत टूट जाए तो क्या करें?
- अगर किसी कारणवश सावन सोमवार का व्रत टूट जाए या पूजा में कोई त्रुटि हो जाए तो:
- सबसे पहले भगवान शिव से क्षमा याचना करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का अधिकतम जाप करें।
- अगले सोमवार को व्रत करके उसकी पूर्ति करें।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
सावन सोमवार के दिन करें ये 5 शुभ कार्य
जलाभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद से अभिषेक करें।
दीप प्रज्ज्वलन: तांबे या मिट्टी के दीपक में गाय के घी से दीपक जलाएं।
शिवामुट्ठी: पंचमेवों, अक्षत और फूलों से तैयार की गई अर्पण सामग्री भगवान शिव को चढ़ाएं।
कलश स्थापना: घर में पवित्र कलश स्थापित करें और उसमें जल भरकर रोली, अक्षत, पुष्प डालें।
मंत्र जाप: दिनभर “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें।
आगे के सावन सोमवार व्रत की तिथियां
- तीसरा सावन सोमवार: 28 जुलाई 2025
- चौथा व अंतिम सोमवार: 4 अगस्त 2025