Udaipur: राजस्थान के उदयपुर में एक सरकारी स्कूल के छात्र ने अपने सहपाठी पर चाकू से हमला कर दिया। इस घटना ने शहर में भारी तनाव उत्पन्न कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ और आगजनी की। दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद, उदयपुर में पुलिस बल को तैनात किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शनिवार को भी बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई। प्रशासन ने अफवाहों पर नियंत्रण पाने के लिए 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी। इसके साथ ही, 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने की घोषणा की गई है।
आरोपी और उसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी छात्र को हिरासत में ले लिया है, और उसके पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। नगर निगम प्रशासन ने आरोपी के अवैध घर पर बुलडोजर चला दिया। यह घर वन विभाग की जमीन पर बना था, जिसे सरकारी दस्तावेजों की जांच के बाद गिराया गया। इस कार्रवाई से आरोपी के परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
शहर में निषेधाज्ञा और स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन
शहर में भारी हिंसा और तनाव के मद्देनजर, निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। शनिवार को अवकाश के बावजूद, शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार, अब स्कूलों में छात्रों को धारदार हथियार, चाकू, कैंची और अन्य नुकीला सामान ले जाने की अनुमति नहीं होगी। शिक्षकों को नियमित रूप से छात्रों के बैग की जांच करनी होगी और अभिभावकों से भी कहा जाएगा कि वे बच्चों पर पूरी निगरानी रखें।
विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह घटना समाज के एक विशेष वर्ग की हिंसा फैलाने की प्रवृत्ति को दर्शाती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकना आवश्यक है।
इस घटनाक्रम ने उदयपुर और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया है। प्रशासनिक और पुलिस उपायों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में योगदान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।