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सिख समाज और उनके गुरुओं के बलिदान और योगदान पर भाजपा कार्यालय में संगोष्ठी आयोजित

भारतीय जनता पार्टी दसवें सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह जी के दो छोटे पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह की स्मृति में 26 दिसंबर को देशभर में वीर बाल दिवस मनाएगी।

सिख समाज के बलिदान और धर्म की रक्षा के लिए सिख समाज और उनके गुरुओं के बलिदान और अनुकरणीय योगदान पर चर्चा के लिए लखनऊ महानगर कैसरबाग कार्यालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, एमएलसी मुकेश शर्मा सहित सिख समाज के जनप्रतिनिधि मुख्य रूप से प्रसिद्ध रहे।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने वीर बालकों और सिख समाज के गुरुओं की शहादत को नमन करते हुए कहा कि भारत के इतिहास पर अगर नजर डालें तो मुगलो ने
भारत की संस्कृति को छिन्न-भिन्न करने का बहुत प्रयास किया गया। भारत की
सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को तोड़ने और धर्म को बदलने के लिए अत्याचार होते थे। उस समय सिख समाज ने समाज के संरक्षण और हमारी संस्कृति को बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई।
मुगल आततायियों द्वारा गुरु गोविंद सिंह के छोटे-छोटे बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया और धर्म परिवर्तन के लिए जोर दिया गया लेकिन सिख समाज ने अपनी आंखों के सामने उनको काल के मुंह में जाते हुए देखा लेकिन धर्म परिवर्तन नहीं किया।

मुगलों के अत्याचार के खिलाफ सिखों के बलिदानों की आनेको गाथाएं हैं।
गुरु अर्जन देव के बलिदान से शुरू ही गाथा के बाद गुरु तेग बहादुर को डराने के लिए उनके सामने भाई मति दास को आरे से चीरा गया , सती दास को जिंदा जलाया गया और दयाल दास को उबलते पानी में फेंका गया लेकिन गुरु तेग बहादुर सिंह ने इस्लाम धर्म नहीं अपनाया और औरंगजेब के हुक्म पर गुरुजी को चांदनी चौक पर लाकर तलवार से उनकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया गया।

भारत माता पूरी दुनिया में अपनी संस्कृति के लिए विख्यात है। रिश्तों और परिवार की संस्कृति को बचाने में सिख समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। इससे पूर्व भी बहुत सी सरकारें आई और गई लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी से पूर्व किसी ने नहीं सोचा कि सिख समाज के साहबजादे जो असमय काल के मुंह में गए और जिन्होंने अपनी संस्कृति की रक्षा की, उनके मान सम्मान का किसी ने भी नहीं सोचा।
सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी जी ने पूरी दुनिया को संदेश देने के लिए गुरु गोविंद सिंह प्रकाश पर्व, वीर बाल दिवस घोषित किए। लखनऊ में खालसा चौक का निर्माण किया । गुरुद्वारे में निरंतर माथा टेक कर हम सब आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के अलावा अन्य किसी भी सरकार में ऐसे कार्य न हुए ना किसी ने सोचा। मैं सिख समाज के योगदान के लिए आभार व्यक्त करता हूं।

आज हम अगर सीना ठोक कर रह रहे हैं तो सिख समाज और गुरुओं का महत्वपूर्ण योगदान है जिन्होंने हंसते-हंसते अपने और परिजनों के प्राणों की बाजी लगा दी लेकिन भारत माता का झंडा नहीं झुकने दिया। आज के अवसर पर मैं सिख समाज और महात्माओं को दंडवत प्रणाम करते हुए वंदन करता हूं और सिख समाज को भरोसा दिलाता हूं कि हम सब कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ है। हम लोग 84 के दंगों को भी नहीं भूले हैं। हम सभी सिख समाज के साथ सिख समाज के गुरुओं की परंपरा को आगे बढ़ने का कार्य करेंगे।

महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने कहा की गुरु गोविंद सिंह जी की राष्ट्र प्रथम की परंपरा हमारे लिए अत्यंत प्रेरणादाई है जो मुगलों की मजहबी कट्टरता के आगे झुके नहीं और अपना सर्वस्व बलिदान किया।
उनके बलिदान के स्मरण में पार्टी द्वारा आज संगोष्ठी का आयोजन किया गया है प्रत्येक मंडल में 23 और 24 सितंबर को सभा का आयोजन किया जाएगा और विद्यालयों में साहबजादो के बलिदान पर कार्यक्रम, विचार गोष्ठी, भाषण प्रतियोगिताओं के कार्यक्रम भी होंगे।

मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि पार्टी केसर बाग कार्यालय पर आयोजित संगोष्ठी में अंजनी श्रीवास्तव रजनीश गुप्ता और सिख समाज से लखविंदर सिंह, दिलप्रीत सिंह, परविंदर सिंह, लकी सिंह बग्गा, रणवीर सिंह कलसी, सतबीर सिंह आनंद, अमनप्रीत सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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