Ayodhya: अयोध्या के भदरसा क्षेत्र में 12 वर्षीय लड़की के साथ हुए बलात्कार की घटना ने प्रदेश की राजनीति को उकसाया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसे कड़े शब्दों में निंदा की है। शिवपाल यादव ने पीड़िता, आरोपी मोईद खान और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नार्को टेस्ट की मांग की है। उनका कहना है कि इस जांच से यह स्पष्ट हो सकेगा कि संवेदनशील मामलों पर किसे राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
डिप्टी सीएम के बयान पर विवाद
इस घटना के बाद, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर आरोप लगाया था कि बलात्कारी मुसलमान हो तो सपा पूरी तरह से उनकी रक्षा करती है। उन्होंने ट्वीट किया था कि सपा बलात्कारी मुसलमानों को बचाने का काम करती है और इसका उदाहरण सैफई परिवार है। मौर्य के इस बयान के बाद, शिवपाल यादव ने उनकी आलोचना करते हुए नार्को टेस्ट की मांग की है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कौन घटिया राजनीति कर रहा है।
तेज नारायण पांडेय की मांग और शिवपाल का समर्थन
पूर्व सपा विधायक और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय ने भी इस मामले में नार्को टेस्ट की मांग की थी। उन्होंने आरोपी मोईद खान और पीड़िता की मां का नार्को टेस्ट करने के साथ-साथ डीएनए टेस्ट की भी मांग की थी। शिवपाल यादव ने पवन पांडेय की इस मांग का समर्थन किया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी तथ्यों को सही तरीके से सामने लाया जाए।
घटना का विवरण और उसके प्रभाव
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में घटित इस घटना ने सभी को हिला दिया है। 12 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार के बाद आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो बना लिया और उसे लंबे समय तक ब्लैकमेल किया। आरोपियों ने बारी-बारी से पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़िता दो महीने की गर्भवती हो गई।
पीड़िता की चार बहनों में वह सबसे छोटी है और उसके पिता की दो साल पहले मृत्यु हो चुकी है। परिवार का खर्च उसकी मां और बहनों की मजदूरी से चलता है। आरोप है कि पीड़िता खेत से लौटते समय राजू नामक व्यक्ति द्वारा मोईद खान के पास बुलाया गया। मोईद ने उसका बलात्कार किया और राजू ने इसका वीडियो बनाया। दोनों आरोपियों ने वीडियो के आधार पर उसे ब्लैकमेल किया और उसका शारीरिक शोषण करते रहे।
पुलिस की भूमिका और आरोप
पीड़िता के परिजनों ने पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोप है कि शुरू में कोई कार्रवाई नहीं की गई। हिंदू संगठनों और निषाद पार्टी के आक्रोश के बाद ही पुलिस ने आरोपी मोईद खान और राजू को गिरफ्तार किया। पीड़िता की मां का आरोप है कि शिकायत के दौरान दारोगा ने उन्हें दबाव डालकर राजू का नाम ही लिखने को कहा और मोईद खान का नाम हटाने को कहा। मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवार को आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग है।
इस घटना ने समाज में एक गहरा असर छोड़ा है और यह स्पष्ट कर दिया है कि सच्चाई को सामने लाने और न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है।