उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन व्यवस्था को और अधिक मजबूत और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सीतापुर नेशनल हाईवे को चार लेन से बढ़ाकर छह लेन करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य है – वाहनों की गति में वृद्धि करना और ट्रैफिक लोड को कम करना।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
वर्तमान में सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन करीब 38,000 से अधिक हल्के और भारी वाहन संचालित होते हैं। इस बढ़ते ट्रैफिक लोड को देखते हुए NHAI ने आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया है। चार लेन की सड़क पर मौजूदा ट्रैफिक अब दबाव बनाने लगा है, जिससे वाहनों की गति प्रभावित होती है और दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब इसे छह लेन में तब्दील किया जाएगा, ताकि आने वाले कई वर्षों तक ट्रैफिक आसानी से संचालित हो सके।
सर्वेक्षण पूरा, अब डीपीआर की तैयारी
प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण (survey) करवाया है, जिसमें सड़क की स्थिति, वर्तमान ट्रैफिक फ्लो, आसपास के क्षेत्र और भूमि संबंधी सभी बिंदुओं पर बारीकी से अध्ययन किया गया है। सर्वेक्षण के आधार पर अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है। एक बार DPR को अंतिम रूप मिल जाने के बाद इस परियोजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
जमीन अधिग्रहण की स्थिति
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस परियोजना के लिए नई जमीन अधिग्रहण की जाएगी? इस विषय पर भी NHAI ने स्पष्ट कर दिया है कि अधिकांश जगहों पर मौजूदा ROW (Right of Way) का ही इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हालांकि, कुछ स्थानों पर जरूरत पड़ने पर सीमित रूप में अधिग्रहण किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
आने वाले वर्षों के लिए बनेगा ट्रैफिक समाधान
एक बार यह सड़क छह लेन में बदल दी जाएगी तो इसका लाभ न केवल सीतापुर, बल्कि लखनऊ, बहराइच, गोंडा जैसे आस-पास के जिलों को भी मिलेगा। मालवाहक गाड़ियों के संचालन में तेजी आएगी, यात्रा का समय कम होगा और सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा। इससे न केवल आम यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।