उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के परिणामस्वरूप बहराइच में हालात अब सामान्य हो गए हैं। जब सीनियर अधिकारी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे, तो माहौल बिगाड़ने की साजिश को नाकाम कर दिया गया। इस हिंसा से जुड़े अब तक 52 उपद्रवियों को जेल भेजा जा चुका है, और सीनियर अधिकारियों द्वारा 24 घंटे की निगरानी दो शिफ्टों में की जा रही है।
प्रभावित क्षेत्रों को नौ सेक्टरों में बांटकर पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा पल-पल की अपडेट ली जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर घंटे स्थिति की रिपोर्ट ले रहे हैं, और उपद्रवियों की तलाश में लगातार छापेमारी की कार्रवाई जारी है। वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित किया जा रहा है। बहराइच हिंसा के बाद एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जहां प्रभावितों की मदद के लिए सर्वे कराया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर निगरानी और कार्रवाई
सोशल मीडिया के माध्यम से भी अराजकतत्वों पर नजर रखी जा रही है। उपद्रवियों की आपराधिक हिस्ट्री की जांच की जा रही है, और मुकदमे की डिटेल भी जुटाई जा रही है। इस सख्ती का असर साफ दिख रहा है, क्योंकि बहराइच में हालात काबू में आते ही कार्रवाई का दौर भी शुरू हो गया है।
सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को हटाया गया है, और रामपुर के सीओ रवी खोखर को बहराइच में सीएम महसी का चार्ज दिया गया है। यह बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि बहराइच में हिंसा उसी क्षेत्र में हुई थी, जहां रूपेंद्र गौड़ की जिम्मेदारी थी। इससे पहले चौकी इंचार्ज महसी और एसओ हरदी को भी सस्पेंड किया गया था। अब रूपेंद्र गौड़ के सस्पेंशन की तैयारी भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी की दंगा निरोधक नीति का प्रभाव
सीएम योगी की सख्ती का असर यह रहा कि कुछ ही घंटों में उपद्रवी बेदम हो गए। उनकी उत्तर प्रदेश दंगा निरोधक नीति का यह परिणाम है कि पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने बहराइच की घटना का संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों को ग्राउंड जीरो पर भेजा था।
सीएम योगी के निर्देश पर एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश, गृह सचिव संजीव गुप्ता, एडीजी जोन गोरखपुर, आईजी रेंज, डीआईजी और मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण सुशील ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
बहराइच में हालात अब काबू में हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा सतर्कता बरती जा रही है। उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि बहराइच जैसे हालात दोबारा न उत्पन्न हों। इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन की सजगता और त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण साबित हो रही है।