Delhi Flood:दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर लगातार जारी है। बारिश के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब घटने लगा, लेकिन राहत अभी दूर
बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच गया था। हालांकि, कुछ घंटों बाद इसमें थोड़ी गिरावट देखी गई और शाम 7 बजे तक यह जलस्तर घटकर 207.42 मीटर पर आ गया। जल संसाधन विभाग के अनुसार, अगर मौसम सामान्य रहा तो शुक्रवार सुबह तक जलस्तर 207.30 मीटर तक पहुंच सकता है।लेकिन यह अब भी खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर है, जिससे बाढ़ की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से नदियों के पास जाने से बचने और सावधानी बरतने की अपील की है।
कालिंदी कुंज और सिग्नेचर ब्रिज के आसपास यमुना का उफान
दिल्ली के कई निचले इलाकों में यमुना का पानी घुस चुका है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कालिंदी कुंज, सिग्नेचर ब्रिज, लोहे का पुल, और यमुना बाजार जैसे क्षेत्रों में पानी भर गया है। रिहायशी इलाकों में जलभराव से घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है।
एनसीआर में भी बाढ़ का खतरा, नोएडा में जलभराव
दिल्ली से सटे एनसीआर क्षेत्र, खासकर नोएडा में कई इलाकों में पानी भर गया है। भारी बारिश और यमुना में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। ट्रैफिक प्रभावित हुआ है और लोगों की दैनिक दिनचर्या पर असर पड़ा है।
पंजाब में बाढ़ से हाहाकार
पंजाब में स्थिति और भी गंभीर है। लगातार बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। अब तक राज्य में 39 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बुरी तरह प्रभावित हैं।फाजिल्का जिले में 27 अगस्त से NDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। सब-इंस्पेक्टर रेख सिंह मीणा के अनुसार, अब तक 1500 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और उन्हें राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है। जिला प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
फसलें तबाह, जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाढ़ का असर खेती-बाड़ी पर भी भारी पड़ा है। पंजाब में धान, मक्का और सब्जियों की फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गांवों में पानी भरने से बिजली आपूर्ति भी बाधित है।