बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत NDA की एक भव्य जनसभा से हुई, जिसमें मंच पर नीतीश कुमार एवं नरेंद्र मोदी उपस्थित थे। सभा के आरंभ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधन देते हुए कहा, “आप सब जानते हैं कि 24 नवंबर 2025 को एनडीए-जदयू-बीजेपी की सरकार बनी थी…” — जबकि वास्तविकता यह थी कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 16 नवंबर 2020 को ली थी। इस भाषण त्रुटि ने मंच पर मौजूद लोगों के चेहरे पर हैरानी ला दी और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
अपने संबोधन की शुरुआत में हुई इस घड़ी-भुलक्कड़ गलती के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नीतीश कुमार की भूल का मजाक बन गया। लोगों ने इस एक पंक्ति को कई तरह से साझा किया और उसकी तुलना वास्तविक तिथियों से की गई। मंच पर मौजूद बहुत-से लोग अपनी सीट से उठकर इस गलती को महसूस कर रहे थे। इस प्रकार, यह एक मामूली लेकिन बेहद चर्चित घटनाक्रम बन गया।
लिखित भाषण और उम्मीदवारों के नाम लेते समय परेशानी
हालाँकि नीतीश कुमार अक्सर बिना कागज देखे बोलने वाले के रूप में जाने जाते हैं, इस बार उन्होंने लिखित भाषण थामा हुआ था। लेकिन भाषण के दौरान जब उन्होंने उम्मीदवारों के नाम लेना शुरू किया, तो कई बार उन्हें रुककर पन्ना पलटना पड़ा। उन्होंने दर्शकों से कह दिया — “थोड़ा देख लीजिए कौन सीट से कौन है…” — और इस तरह आरोप-प्रत्यारोप तथा हल्की हास्य-स्थिति उत्पन्न हो गई।
मंच की स्थिति और पूरा माहौल
मंच पर जब यह चूक हुई, तो कई लोग आँखों में आश्चर्य लिए खड़े दिखे। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठें थे, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने शब्दों को संयमित रूप से आगे बढ़ा रहे थे। लेकिन इस छोटी सी तिथि-भ्रम ने मंच की गरिमा को कुछ हद तक प्रभावित किया। दर्शक-मंडली के बीच हल्की फुस-फुस और मोबाइल फोन की क्लिपिंग्स ने सोशल मीडिया पर गूंज मचा दी।

