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Bangladesh में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एकजुटता और विरोध

Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ अब हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक समूह एकजुट हो गए हैं। शनिवार को लाखों की संख्या में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी एकजुटता दिखाई। राजधानी ढाका और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर उतरकर हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। इस विरोध प्रदर्शन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती हिंसा के खिलाफ सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाया है।

मोहम्मद यूनुस की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस हिंसा को घृणित करार देते हुए आंदोलनकारी छात्रों से अपील की कि वे अल्पसंख्यक हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों को सुरक्षा प्रदान करें। यूनुस ने कहा, “क्या ये हमारे देश के लोग नहीं हैं? आपने देश बचाया तो क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते? आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी नुकसान न पहुंचे। वे भी हमारे भाई हैं। हम साथ लड़े और हमें साथ रहना चाहिए।”

हिंसा की घटनाएँ और उनके प्रभाव

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 205 घटनाएं हो चुकी हैं। इन हिंसा की घटनाओं में सैंकड़ों अल्पसंख्यक घायल हुए हैं और कई के घरों को तोड़फोड़ कर दिया गया है। हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया गया है। हिंसा की इस लहर में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के दो हिंदू नेताओं की हत्या भी की गई है। इस हिंसा के चलते हजारों हिंदू समुदाय के लोग बांग्लादेश छोड़ने की योजना बना रहे हैं।

ढाका में विरोध प्रदर्शन की मांगें

शनिवार को ढाका की सड़कों पर बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों ने सख्त कार्रवाई की मांग की और आरोपियों को जल्द से जल्द सजा देने की अपील की। उनके द्वारा की गई अन्य प्रमुख मांगों में संसद में अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने और एक अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून बनाने की अपील शामिल थी। प्रदर्शनकारियों ने कई घंटे तक सड़कें जाम कर दीं और इस दौरान कई मुस्लिमों और छात्रों ने भी अल्पसंख्यकों के समर्थन में आवाज उठाई।

इस प्रकार, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ उठ रही आवाजें और विरोध प्रदर्शन यह संकेत देते हैं कि देश में सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में व्यापक समर्थन और जागरूकता की आवश्यकता है।

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