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SRMU बवाल: सीएम योगी ने लिया संज्ञान, IG अयोध्या करेंगे जांच, कई पुलिस अधिकारी हटाए गए

SRMU Barabanki:उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आने के बाद प्रशासन में हलचल मच गई है। सीएम योगी ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

कई पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

घटना के बाद सीओ सिटी हर्षित चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, नगर कोतवाल राम किशुन राना, चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह और गदिया पुलिस चौकी के अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। यह कदम मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद उठाया गया है।

IG अयोध्या करेंगे जांच

मुख्यमंत्री योगी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए IG अयोध्या प्रवीण कुमार को जांच सौंपी है। इसके साथ ही मंडलायुक्त अयोध्या को विश्वविद्यालय में संचालित डिग्री कार्यक्रमों की वैधता की जांच करने का निर्देश दिया गया है।

छात्रों का आरोप

छात्रों का आरोप है कि उन्हें यूनिवर्सिटी ने ऐसे लॉ कोर्स में दाखिला दिलाया, जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से मान्यता प्राप्त नहीं है। इससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है। इसी को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके दौरान पुलिस के साथ झड़प हो गई और लाठीचार्ज हुआ।

लाठीचार्ज में कई छात्र घायल, अस्पताल में भर्ती

1 सितंबर को हुए इस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए, जिन्हें मेयो अस्पताल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी छात्रों पर लाठियां बरसाते साफ देखे जा सकते हैं।

पुलिस का पक्ष

पुलिस के अनुसार, छात्रों ने पुलिस चौकी और यूनिवर्सिटी परिसर में तोड़फोड़ की थी, जिससे हालात बिगड़ गए। पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान छात्रों और विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच झड़प हुई। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अब तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा: डिग्री को है मान्यता

SRMU की रजिस्ट्रार प्रोफेसर नीरजा जिंदल ने छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का विधि पाठ्यक्रम बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यताप्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि 2022-23 के लिए BCI ने अपनी वेबसाइट पर अनुमोदन दस्तावेज अपलोड कर दिए हैं और विश्वविद्यालय ने 2027 तक फीस का भुगतान भी कर दिया है।

ABVP का समर्थन, कार्रवाई की मांग

इस आंदोलन को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का भी समर्थन मिला है। ABVP नेता आकाश शुक्ला ने पुलिस पर छात्रों को बेरहमी से पीटने का आरोप लगाया। इस घटना के विरोध में ABVP कार्यकर्ताओं ने शशांक त्रिपाठी के आवास पर प्रदर्शन किया, पुतला फूंका और पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक मार्च निकाला।

कुलपति सामने आएं, तभी रुकेगा विरोध

ABVP के अवध प्रांत सचिव पुष्पेंद्र बाजपेयी ने चेतावनी दी है कि जब तक कुलपति खुद छात्रों से बात नहीं करते, निष्कासित छात्रों को बहाल नहीं किया जाता, और डिग्री की मान्यता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि परिषद छात्र हितों के खिलाफ किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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