Bihar News:बिहार के दरभंगा जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अशोभनीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें आरोपी मंच से प्रधानमंत्री को खुलेआम अपशब्द कहता दिखाई दे रहा था। मामला सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई, और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस रैली में दिया गया था विवादित बयान
जानकारी के मुताबिक, दरभंगा निवासी रिजवी नामक व्यक्ति ने एक कांग्रेस की रैली के दौरान प्रधानमंत्री के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उसने मंच से अपने भाषण में कई ऐसे शब्द बोले, जो न केवल प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं के भी खिलाफ हैं।इस बयान का वीडियो वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने रिकॉर्ड कर लिया और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर किया गिरफ्तार
वीडियो के वायरल होने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस हरकत में आई और मामले का संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी रिजवी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि इस प्रकार की बयानबाज़ी से शांति भंग होने की आशंका थी, इसलिए कड़ा एक्शन लिया गया।पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, और उसकी विधिक प्रक्रिया के तहत पूछताछ की जा रही है।
राजनीतिक गलियारों में उबाल, विपक्ष पर निशाना
इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस इस तरह के लोगों को मंच देती है, जो प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को गाली देकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से इस पर स्पष्टीकरण और माफी की मांग की है।वहीं कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस बयान से खुद को अलग कर सकती है।
सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा में बना हुआ है। ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर लोग आरोपी की गिरफ्तारी की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अभिव्यक्ति की आज़ादी का मतलब गाली-गलौज की छूट नहीं है।कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या राजनीतिक असहमति का मतलब अब व्यक्तिगत और अभद्र हमलों में बदल गया है?

