UPPCL:आगरा में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) द्वारा बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए सख्त अभियान के तहत 16 दिनों में 900 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह कार्रवाई ओटीएस (एकमुश्त समाधान) योजना के पहले चरण के बाद की गई है। योजना के तहत बकायादारों के कनेक्शन काटने और फिर से जोड़ने पर उनके खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। वहीं, ओटीएस योजना का दूसरा चरण 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है।
ओटीएस योजना और बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई
ओटीएस योजना की शुरुआत 15 दिसंबर से हुई थी, जिसका पहला चरण 15 से 31 दिसंबर तक चला। इस दौरान 30 हजार बकायादारों ने पंजीकरण कराया। हालांकि, ओटीएस योजना के पहले चरण के परिणाम ज्यादा प्रभावी नहीं रहे। इसके बाद बकायादारों के कनेक्शन काटे गए और उन पर कड़ी निगरानी रखी गई। जिन बकायादारों ने बिना अनुमति के कनेक्शन फिर से जोड़ लिया, उनके खिलाफ बिजली चोरी के मुकदमे दर्ज किए गए। इस प्रकार, लगभग 700 मुकदमे बिजली चोरी के आरोप में दर्ज किए गए। इसके अतिरिक्त, 200 ऐसे मुकदमे भी दर्ज किए गए जिनमें उपभोक्ता सामान्य तौर पर बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए।
बकाया वसूली और कार्रवाई का उद्देश्य
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के अधिकारियों ने कहा कि इस बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज होने का मुख्य उद्देश्य बकाया वसूली को बढ़ावा देना है। अधिकारियों का मानना है कि इस प्रकार की कड़ी कार्रवाई से बकायादारों पर दबाव पड़ेगा और वे अपना बकाया जल्द से जल्द जमा करेंगे। इसके अलावा, छापेमारी और निगरानी की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी, ताकि बिजली चोरी को रोका जा सके और वसूली प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
छापेमारी और निगरानी में बढ़ोतरी
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बकायादारों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है। विद्युत विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी बकायादार को बिना कार्रवाई किए न छोड़ा जाए। विभाग की निगरानी व्यवस्था भी मजबूत की गई है, ताकि बिजली चोरी को रोका जा सके। अधिकारियों का कहना है कि विभाग के प्रयासों से बिजली चोरी की घटनाओं में कमी आएगी और बकायादार जल्द ही अपने बकाए का भुगतान करेंगे।