Rajendra Nagar: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हाल ही में हुए एक दुखद हादसे के बाद छात्रों के बीच गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। राउ आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी, जिससे छात्रों और उनके समर्थकों के बीच प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस बीच, बीजेपी की पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा ने प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों से मिलने की कोशिश की, लेकिन उनकी उपस्थिति और टिप्पणियों को लेकर छात्रों की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही।
जया प्रदा की उपस्थिति पर छात्रों की प्रतिक्रिया
जया प्रदा ने ओल्ड राजेंद्र नगर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की और उन्हें आश्वस्त करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “मैं आपकी स्थिति को समझती हूं और आपकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही हूं। मैं एक मां हूं और मेरा भी एक बेटा है। मैं हैदराबाद से खासतौर पर आपके लिए आई हूं। आप सभी मेरे बच्चे जैसे हैं। दिल्ली सरकार की नीतियों ने आपको निराश किया है और हम आपकी आवाज़ बनेंगे।”
हालांकि, जया प्रदा की यह कोशिश छात्रों को संतुष्ट नहीं कर पाई। उनके भाषण ने केवल आक्रोश को बढ़ा दिया। छात्रों ने प्रतिक्रिया में कहा कि जया प्रदा की पार्टी केंद्र में सत्ता में है और एमसीडी कमिश्नर और एलजी की नियुक्तियों में भी उनकी पार्टी की भूमिका है। इसलिए, उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
छात्रों का कहना: मुद्दे का राजनीतिकरण न करें
छात्रों ने जया प्रदा से कहा, “आपकी पार्टी केंद्र में है और इसी पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह प्रशासन को सही तरीके से चलाए। आपके बच्चे विदेश में पढ़ते हैं, जबकि हम यहां समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पहले हमारे साथ एक घंटा बैठिए, फिर अपनी बात कीजिए। लेकिन मुद्दे का राजनीतिकरण मत कीजिए।” इस दौरान, छात्रों ने ‘Go Back’ के नारे भी लगाए, जिससे उनकी नाराजगी साफ तौर पर जाहिर हो गई।
प्रशासन पर उठाए सवाल और कड़ी कार्रवाई की मांग
शनिवार को बेसमेंट में पानी भरने की घटना ने छात्रों और उनके परिवारों के बीच गहरा दुख और गुस्सा पैदा किया। मृतकों की संख्या बढ़ने के बाद से, छात्रों ने प्रशासन पर कई सवाल उठाए हैं और दोषियों को सजा दिलाने के लिए मुखर्जी नगर में भी प्रोटेस्ट किया है। उनकी प्रमुख मांग है कि इस घटना की गंभीरता से जांच हो और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाहियां हैं और छात्रों की न्याय की मांग पूरी करना अत्यंत आवश्यक है।