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सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी परीक्षा टालने की मांग को ठुकराया: लाखों छात्रों की परीक्षा पर असर नहीं

NEET PG exam: सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को प्रस्तावित नीट पीजी परीक्षा को टालने की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लाखों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अंतिम समय पर परीक्षा स्थगित करने का आदेश नहीं दिया जा सकता। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि कई छात्रों के परीक्षा केंद्र ऐसे शहरों में आवंटित किए गए हैं जहां पहुंचना कठिन है, जिससे उन्हें बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

याचिकाकर्ताओं का दावा और कोर्ट की प्रतिक्रिया

याचिका में यह दावा किया गया था कि परीक्षा केंद्रों का आवंटन कदाचार को रोकने के लिए किया गया है, लेकिन समय की कमी के कारण अभ्यर्थियों के लिए विशिष्ट शहरों तक यात्रा की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। नीट यूजी परीक्षा पहले 23 जून को आयोजित होने वाली थी, लेकिन कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे, ने कहा कि पांच छात्रों की वजह से 2 लाख छात्रों के करियर को खतरे में नहीं डाला जा सकता। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें लगभग 50 हजार से अधिक छात्रों द्वारा इस मुद्दे पर संदेश प्राप्त हुए हैं।

परीक्षा के संचालन और पारदर्शिता पर सवाल

याचिका में एक और मुद्दा उठाया गया, जिसमें कहा गया कि परीक्षा दो बैचों में आयोजित की जानी है और उम्मीदवारों को नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला के बारे में जानकारी नहीं है, जिससे मनमानी की आशंका पैदा हो रही है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि 2 लाख से अधिक छात्र इस परीक्षा में शामिल होंगे और परीक्षा 185 शहरों में आयोजित की जाएगी। इस कारण ट्रेन टिकट की उपलब्धता में कमी हो सकती है और हवाई किराए में भी बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे छात्रों के लिए अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना लगभग असंभव हो जाएगा।

पारदर्शिता और दूरदराज के केंद्रों पर चिंताएँ

याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधि ने तर्क किया कि पारदर्शिता की कमी और दूरदराज के परीक्षा केंद्रों से उत्पन्न चुनौतियों के कारण कई छात्रों को नुकसान हो सकता है। एक याचिकाकर्ता, विशाल सोरेन ने सुझाव दिया कि यदि परीक्षा एक ही बैच में आयोजित की जाती है, तो सभी उम्मीदवारों के लिए समान परीक्षा माहौल सुनिश्चित किया जा सकता है।

इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी परीक्षा के स्थगन की मांग को अस्वीकार कर दिया और परीक्षा के आयोजन की प्रक्रिया को यथावत बनाए रखने का आदेश दिया।

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