Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में बुलडोजर ‘इंसाफ’ की आलोचना की है, जिसमें घरों को गिराए जाने के मामलों को लेकर गंभीर टिप्पणियां की गई हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिर्फ इस आधार पर किसी का घर नहीं गिराया जा सकता क्योंकि वह किसी अपराध या विवाद से जुड़ा है।
कानूनी प्रक्रिया का पालन करें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के तहत हर व्यक्ति को गरिमा के साथ जीने का अधिकार है, और किसी का घर बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के गिराना इस अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया कि वे इस तरह की कार्यवाहियों में पूरी पारदर्शिता बरतें और कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।
कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
इसके साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बिना किसी न्यायिक समीक्षा के उसके घर को गिरा दिया जाए।
इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है जिनके घरों को बिना उचित प्रक्रिया के गिराने की धमकी दी जा रही थी, और यह एक संदेश है कि कानून के शासन के तहत कोई भी कार्रवाई बिना कानूनी समीक्षा के नहीं होनी चाहिए।