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अमरनाथ यात्रा पर अस्थायी विराम.. भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 17 जुलाई तक स्थगित

Amarnath Yatra 2025:अमरनाथ यात्रा पर निकले लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी अपडेट सामने आई है। जम्मू-कश्मीर में पिछले 36 घंटों से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रशासन ने श्री अमरनाथ यात्रा को 17 जुलाई 2025 तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। इस अस्थायी रोक का कारण खराब मौसम, मार्गों की क्षति और श्रद्धालुओं की सुरक्षा बताया गया है।गंभीर हालात तब और बिगड़ गए जब गांदरबल जिले के बालटाल मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने तत्परता से निर्णय लेते हुए यात्रा को फिलहाल रोक दिया।

संभागीय आयुक्त का बयान: “दोनों मार्गों की मरम्मत जरूरी”

कश्मीर संभागीय आयुक्त विजय कुमार भिदुरी ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से दोनों मार्गों—बालटाल और पहलगाम—पर पटरियों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा:“श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए बालटाल और पहलगाम दोनों आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा 17 जुलाई तक स्थगित कर दी गई है। इस दौरान मार्गों की मरम्मत की जाएगी।”इस निर्णय के बाद हजारों श्रद्धालु जो आधार शिविरों में रुके हुए थे, उन्हें स्थानीय प्रशासन की देखरेख में सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।

मौसम विभाग की चेतावनी और राहत कार्य

मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में आगामी दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर भूस्खलन और फिसलन के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं।साथ ही, मार्गों की सफाई और मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है ताकि श्रद्धालु जल्द से जल्द यात्रा फिर से शुरू कर सकें।

श्रद्धालुओं से की गई अपील

अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम में सुधार तक यात्रा से बचें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा बोर्ड ने यात्रा से संबंधित सूचनाएं प्राप्त करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और आधिकारिक वेबसाइट भी सक्रिय कर दी हैं।

श्रद्धा जरूरी, लेकिन सुरक्षा पहले

हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं, लेकिन इस बार मौसम की मार ने यात्रा को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। प्रशासन का यह कदम जनहित और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। अब सभी की नजरें 17 जुलाई पर टिकी हैं, जब मौसम और मार्गों की समीक्षा के बाद यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।

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