रविवार रात का हमला और राजनीतिक प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों ने रविवार रात को टनल वर्कर्स पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस घटना में छह श्रमिकों और एक डॉक्टर की हत्या कर दी गई। यह हमला एक निजी कंपनी के शिविर पर हुआ, जो मध्य कश्मीर में सुरंग का निर्माण कर रही थी। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने इस जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने रात लगभग 8.15 बजे ऑटोमेटिक हथियारों से गोलीबारी शुरू की। इस हमले के समय श्रमिक खाना खाने के लिए मेस के करीब पहुंच रहे थे। यह कैंप घने जंगलों के बीच स्थित था, जिससे हमलावरों के लिए छिपकर हमला करना आसान हो गया। इस हमले में मारे गए लोगों में डॉ. शाहनवाज (बडगाम), गुरमीत सिंह (30) (गुरदासपुर, पंजाब), इंदर यादव (35) (बिहार), मोहन लाल (30) और जगतार सिंह (30) (कठुआ, जम्मू) और फैयाज अहमद लोन (26) और जहूर अहमद लोन (कश्मीर) शामिल हैं।
सुरक्षा उपायों में वृद्धि
इस आतंकी हमले के बाद, जहां घायलों का इलाज चल रहा है, उस अस्पताल के आसपास सुरक्षा को और मजबूत कर दिया गया है। यह कश्मीर में इस साल का पांचवां लक्षित हमला है, जिसमें कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। 16 अक्टूबर को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नई गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से यह दूसरा हमला है, जो कश्मीर में हुई मौतों के मामले में भी सबसे बड़ा है। इससे पहले, 9 जून को जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों की बस पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें सात तीर्थयात्री, एक ड्राइवर और कंडक्टर मारे गए थे, जबकि 41 अन्य घायल हो गए थे।
केंद्रीय गृह मंत्री की प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर के गगनगीर में नागरिकों पर हुआ नृशंस आतंकी हमला कायरतापूर्ण और घृणित कृत्य है। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों को हमारे सुरक्षा बलों की ओर से कड़ी से कड़ी जवाब का सामना करना पड़ेगा। इस अत्यंत दुखद घड़ी में, उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक बार फिर चिंता का विषय बना दिया है। राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि इस प्रकार के हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और सरकार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। यह घटना न केवल प्रभावित परिवारों के लिए दुखद है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को भी चुनौती देती है।