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MahaKumbh के दौरान नहाने लायक था गंगा-यमुना का पानी, CPCB की नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Maha Kumbh 2025: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों का पानी नहाने के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप था। रिपोर्ट में बताया गया कि पहले के मुकाबले अब पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ था, और यह नहाने के लिए सुरक्षित माना गया। हालांकि, पहले के परीक्षणों में पानी में फीकल बैक्टीरिया की अधिकता पाई गई थी, लेकिन बाद में यह स्थिति सुधर गई।रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि CPCB ने सप्ताह में दो बार जल की निगरानी की और विशेषज्ञों द्वारा पानी का परीक्षण किया गया। इससे यह साबित हुआ कि महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदी का पानी नहाने के लिए सुरक्षित था, जो एक सकारात्मक संकेत है।

CPCB की रिपोर्ट और उसके परिणाम

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता का सुधार हुआ था। पहले, पानी में फीकल बैक्टीरिया की अधिकता की बात कही गई थी, जो चिंता का विषय थी। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीता, जल गुणवत्ता में सुधार देखा गया, और अंततः यह पानी नहाने के मानकों के अनुरूप पाया गया।

CPCB ने यह भी कहा कि जल गुणवत्ता का आकलन करना पूरी नदी के पानी का सही तरीके से मूल्यांकन करने में कठिन था, क्योंकि सैंपल विभिन्न स्थानों से और अलग-अलग तारीखों में लिए गए थे। इससे डेटा में वेरिएबिलिटी आई, और इस कारण से स्टेटिस्टिकल एनालिसिस की जरूरत महसूस हुई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन सैंपल्स के सही आंकलन के लिए अधिक अध्ययन और विश्लेषण की आवश्यकता थी।

सैंपलिंग प्रक्रिया में दिक्कतें और उनका समाधान

रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि सैंपल्स के लिए अलग-अलग तारीखों और स्थानों से संग्रह किए गए थे, जिससे पूरी नदी के पानी की गुणवत्ता का सही मूल्यांकन करना मुश्किल हो गया था। विभिन्न स्थानों और समयों से लिए गए सैंपल्स के कारण आंकड़े में भिन्नता थी, जिसे स्टेटिस्टिकल एनालिसिस के माध्यम से समझने की जरूरत थी। हालांकि, रिपोर्ट के बाद CPCB ने यह सुनिश्चित किया कि जल की निगरानी और विश्लेषण और अधिक प्रभावी तरीके से किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों।

महाकुंभ के दौरान जल गुणवत्ता में सुधार की उम्मीदें

महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता का यह सुधार एक सकारात्मक संकेत है, जो यह दर्शाता है कि समय के साथ नदी के पानी में सुधार हो सकता है। इसे देखते हुए, भविष्य में जल गुणवत्ता की निगरानी और भी सख्त तरीके से की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं न हों।

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