चक्रवाती तूफान दाना के संभावित खतरे को देखते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकारों ने संवेदनशील क्षेत्रों को खाली कराने का कार्य शुरू कर दिया है। दोनों राज्यों ने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सक्रियता दिखाई है। इसके अलावा, शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश भी दिया गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
तटरक्षक बल की उच्च चौकसी
तटरक्षक बल को इस संकट के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रखा गया है। मंगलवार को तटरक्षक बल ने घोषणा की कि वे संभावित संवेदनशील इलाकों में अपने पोत और विमानों को तैनात कर चुके हैं। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि यह चक्रवात पुरी से पश्चिम बंगाल के सभी पूर्वी तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने भी सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा करने की बात की है और 250 राहत शिविरों की स्थापना की घोषणा की है।
एनडीआरएफ की तैनाती
7वीं बटालियन एनडीआरएफ भटिंडा के सहायक कमांडेंट पंकज शर्मा ने जानकारी दी कि उनके पास 5 टीमें हैं, जिनमें कुल 152 जवान शामिल हैं। ये जवान भटिंडा से भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर पहुंचे हैं और उन्हें 5 जिलों में तैनात किया जाएगा। उनका मुख्य कार्य बचाव, निकासी और राहत सामग्री वितरण में जिला प्रशासन की सहायता करना है।
मुख्यमंत्री की अपील
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने चक्रवात दाना की बढ़ती स्थिति को देखते हुए विधायकों से अपील की है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि विधायकों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय करना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों के लोगों के साथ रहने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
रेलवे की तैयारियां
चक्रवात दाना के संभावित प्रभाव को देखते हुए रेलवे ने 150 से अधिक यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हावड़ा-सिकंदराबाद फलकनुमा एक्सप्रेस, कामाख्या-यशवंतपुर एसी एक्सप्रेस, हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर शताब्दी एक्सप्रेस, और हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। ये ट्रेनें 23 से 25 अक्टूबर के बीच अपने प्रस्थान बिंदु से रवाना होने वाली थीं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि हालात बिगड़ते हैं, तो और ट्रेनों को भी रद्द किया जा सकता है।
बंगलूरू में बाढ़ की स्थिति
इस बीच, बंगलूरू में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश ने कई क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पांच लोगों की जान चली गई है। प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बंगलूरू शहरी जिला प्रशासन ने जिले के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने की घोषणा की है।
इस प्रकार, चक्रवाती तूफान दाना की गंभीरता को देखते हुए दोनों राज्यों में सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।