Operation Sindoor: 19 मई 2025 को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान से जुड़े मसलों पर विदेश मामलों की संसदीय समिति को महत्वपूर्ण जानकारी दी। यह बैठक पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में बुलाई गई थी। बैठक में यह साफ किया गया कि भारत ने पाकिस्तान के किसी भी न्यूक्लियर ठिकाने पर हमला नहीं किया और पाकिस्तान की ओर से भी किसी प्रकार की परमाणु हमले की धमकी नहीं दी गई थी।
क्या था परमाणु हमले का खतरा?
बैठक में उपस्थित कुछ सदस्यों ने यह जानना चाहा कि क्या पाकिस्तान ने किसी तरह की न्यूक्लियर अटैक की धमकी दी थी या कोई खुफिया जानकारी मिली थी? इस पर विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने किसी भी स्तर पर न परमाणु हमला किया और न ही उसकी धमकी दी। उन्होंने कहा कि यह एक कन्वेंशनल (परंपरागत) सैन्य टकराव था और भारत ने हर स्तर पर उसका माकूल जवाब दिया।
क्या पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का किया इस्तेमाल?
एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या पाकिस्तान ने चीन निर्मित हथियारों का उपयोग किया, विक्रम मिसरी ने कहा, “पाकिस्तान ने जो भी हथियार इस्तेमाल किए, भारतीय सेना ने उसका भरपूर और प्रभावी जवाब दिया। हमारी सेना हर तरह की चुनौती के लिए तैयार थी।”
पाकिस्तान की भूमिका पर बड़ा आरोप
विदेश सचिव ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकवादियों, पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस और प्रशासन के बीच गहरा सांठगांठ है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित कई आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और भारत के खिलाफ लगातार उकसावे और हिंसा में शामिल हैं।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद को शरण देने का इतिहास नया नहीं है, और इसके खिलाफ भारत के पास ठोस सबूत हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादी हमले की योजना और संचालन सीधे पाकिस्तान में बैठे आकाओं द्वारा किया गया था।
विपक्ष की मांग: सर्वदलीय बैठक बुलाओ
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल कई दिनों तक बना रहा। हालांकि, 10 मई को दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा कर दी। इसके बावजूद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी और आगे की रणनीति पर चर्चा की जा सके।