Bharat Bandh: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सपा, बसपा, कांग्रेस और भीम आर्मी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। अंबेडकरनगर में युवाओं ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बलरामपुर में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और नारेबाजी की, जबकि झांसी में प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।
अंबेडकरनगर में नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन और जाम
अंबेडकरनगर में बुधवार सुबह युवाओं ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। आरक्षण में क्रीमी लेयर के फैसले पर विरोध स्वरूप बड़ी संख्या में लोग पहितीपुर बाजार के निकट एकत्र हुए और टांडा से बांदा नेशनल हाईवे जाम कर दिया। जाम के कारण एंबुलेंस और स्कूली वाहनों सहित बड़ी तादाद में वाहन फंस गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम को समाप्त कराया, हालांकि करीब एक घंटे तक मार्ग बाधित रहा।
कलेक्ट्रेटों पर प्रदर्शन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर बसपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के कार्यकर्ता भारी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे। सुरक्षा को देखते हुए कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। नवाबाद, कोतवाली, प्रेमनगर, और सदर बाजार के थानों का फोर्स भी मौजूद रहा। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट के अंदर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया।
भीम आर्मी द्वारा जुलूस और ज्ञापन सौंपना
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर में जुलूस निकाला और मांगों को लेकर नारेबाजी की। बहादुरपुर में कार्यकर्ता एकजुट होकर जुलूस निकाले, जो भगवतीगंज, संतोषी माता मंदिर तिराहा, वीर विनय चौराहा से होते हुए मेजर चौराहा तक गया। प्रदर्शनकारियों ने शहर का भ्रमण किया और मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। प्रशासन ने भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं।
अयोध्या में विभिन्न संगठनों का विरोध प्रदर्शन
अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में समाजवादी पार्टी, आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया। सिविल पुलिस के साथ सीआरपीएफ भी सड़क पर उतरी। पुलिस और सीआरपीएफ ने जुलूस को रोकने की कोशिश की और ज्ञापन सौंपने के लिए सीटी मजिस्ट्रेट राजेश मिश्रा को दिया गया। संगठनों ने दलित आरक्षण में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ का विरोध किया और चेतावनी दी कि अगर फैसला वापस नहीं हुआ तो दिल्ली में बड़ा आंदोलन होगा।
सुल्तानपुर में मिला-जुला असर और पुलिस की कार्रवाई
सुल्तानपुर में भारत बंद का असर मिला-जुला रहा। अधिकांश दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान खुले रखे, हालांकि दलित संगठनों और पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराने की कोशिश की। पुलिस ने हस्तक्षेप कर उपद्रव को शांत कराया। कार्यकर्ताओं ने आवास विकास कॉलोनी में इकट्ठा होकर जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। प्रदर्शनकारियों की धमकियों के बावजूद विवाद बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने तत्परता दिखाई।
आगरा और बरेली में भी जोरदार विरोध प्रदर्शन
आगरा में आरक्षण के उपवर्गीकरण को लेकर युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में दलित युवा हाथों में नीला झंडा लेकर सड़क पर उतरे। बरेली में ‘भारत बंद’ का आह्वान बेअसर रहा, लेकिन आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। चौकी चौराहे पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। शाहजहांपुर, बदायूं और लखीमपुर खीरी में भी आरक्षण पर फैसले के विरोध में प्रदर्शन हुए।
इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण फैसले के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए प्रदर्शनों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर जनाक्रोश और राजनीतिक गतिविधियाँ लगातार सक्रिय हैं।