बिहार के भोजपुर ज़िले के आरा क्षेत्र में शनिवार सुबह एक दर्दनाक और हृदयविदारक घटना सामने आई। दानापुर-डीडीयू रेलखंड के अंतर्गत बनाही और सिकरिया हॉल्ट के बीच स्थित बनकट गांव के पास लगभग 600 भेड़ों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब स्थानीय भेड़पालकों की भेड़ें, जो चराई के लिए निकली थीं, तेज बारिश के कारण भटककर रेलवे ट्रैक पर चली गईं।
घटना के वक्त वहां से एक तेज रफ्तार ट्रेन गुजर रही थी, जो भेड़ों को बचा नहीं सकी। ट्रैक पर मौजूद सभी भेड़ें कुछ ही पलों में काल के गाल में समा गईं। हादसे के बाद आसपास के इलाके में अफरा-तफरी और शोक का माहौल फैल गया।
भेड़पालकों को हुआ भारी आर्थिक नुकसान
इस हादसे में भरत पाल, उदयनारायण पाल और मार्कण्डेय पाल नामक स्थानीय पशुपालकों की सैकड़ों भेड़ें मारी गईं। पीड़ितों का कहना है कि वे वर्षों से पशुपालन कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन इस हादसे ने उनकी जीवन भर की पूंजी एक झटके में खत्म कर दी।
भेड़पालकों ने प्रशासन से मुआवज़े की मांग की है। उनका कहना है कि यह दुर्घटना एक प्राकृतिक आपदा और मानवीय चूक का मिश्रण है, जिसके चलते उन्हें इतना बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
प्रशासन और रेलवे की भूमिका पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और पशुपालकों का आरोप है कि रेलवे ट्रैक के पास कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं था, जबकि इस क्षेत्र में अक्सर मवेशी चरते देखे जाते हैं। साथ ही, बारिश के दौरान ट्रैक पर विशेष सतर्कता नहीं बरती गई, जिससे यह भीषण हादसा हुआ।
हालांकि, रेलवे प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। रेलवे ने भी प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
गांव में पसरा मातम, लोग हैं स्तब्ध
यह हादसा केवल पशुपालकों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे गांव में गहरा शोक फैल गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह दृश्य इतना भयावह था कि बच्चों और बुजुर्गों को घरों से बाहर निकलने से मना कर दिया गया। सैकड़ों मृत भेड़ों के शव ट्रैक पर बिखरे पड़े थे, जिन्हें बाद में हटाया गया।

