Leh: लेह से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जिसमें एक स्कूल बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बस दुरबुक के समीप एक सड़क हादसे का शिकार हो गई। इस दुर्घटना में 6 लोगों के मारे जाने की खबर है, हालांकि मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। हादसे के समय बस में कुल 28 लोग सवार थे, जो किसी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
लेह का भौगोलिक और मौसम संबंधी जोखिम
लेह का पूरा इलाका पहाड़ी और घाटी वाला है, जिससे यहां की सड़कें बरसात के मौसम में काफी खतरनाक हो जाती हैं। बारिश के कारण सड़कें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, और सड़क पर वाहन चलाना बेहद कठिन हो जाता है। इन परिस्थितियों में थोड़ी सी असावधानी से भी बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि, लेह-लद्दाख में सड़क मार्ग की स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
लद्दाख में सेना का टैंक दुर्घटनाग्रस्त
इससे पहले कुछ सप्ताह पहले लद्दाख में एक और गंभीर दुर्घटना हुई थी। इस घटना में एक सेना का टैंक नदी पार करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे सेना के 5 जवान शहीद हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। दुर्घटनाग्रस्त टैंक टी-72 था, जो एक प्रशिक्षण मिशन पर था और एक नदी पार करते समय हादसे का शिकार हो गया। यह दुर्घटना लेह से 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास रात के समय हुई थी।
सेना का बयान और दुर्घटना का विवरण
भारतीय सेना ने इस हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी दी। लेह में एक बयान जारी करते हुए कहा गया कि 28 जून 2024 की रात, सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान पूर्वी लद्दाख के सासेर ब्रांगसा के पास श्योक नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण सेना का एक टैंक फंस गया। बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तेज बहाव और बढ़े हुए जलस्तर के कारण बचाव अभियान सफल नहीं हो सका और टैंक के चालक दल के सदस्यों की जान चली गई। भारतीय सेना ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और शहीद हुए जवानों की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सड़क सुरक्षा और बचाव प्रयासों की आवश्यकता
इन घटनाओं के मद्देनजर, लेह और लद्दाख में सड़क सुरक्षा और बचाव प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और मौसम के कारण हादसों की संभावना बनी रहती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को रोका जा सके और लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।