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गोरखपुर में सपा कार्यकर्ताओं का अनोखा प्रदर्शन: बुलडोजर शव यात्रा निकाल कर सरकार के खिलाफ जताया विरोध

गुरुवार, 19 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। हालांकि, इन सुरक्षा इंतजामों के बावजूद समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने ऐसा कुछ कर दिया, जो पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया। सपा कार्यकर्ताओं ने योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति के खिलाफ विरोध जताते हुए गुपचुप तरीके से बुलडोजर की शव यात्रा निकाली, जो गोरखपुर के पंत पार्क से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च के रूप में निकाली गई।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुलडोजर शव यात्रा

सपा कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने के बाद किया। मंगलवार, 17 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान देशभर में हो रही बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम रूप से रोक लगा दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगले आदेश तक किसी भी तरह की मनमानी बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। सपा कार्यकर्ताओं ने इस आदेश का स्वागत करते हुए गुपचुप तरीके से बुलडोजर की शव यात्रा निकालकर विरोध दर्ज किया।

सपा का सोशल मीडिया पर प्रदर्शन

सपा कार्यकर्ताओं ने सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इस विरोध प्रदर्शन को लेकर अपनी खुशी जाहिर की। सपा कार्यकर्ताओं ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बुलडोजर शव यात्रा का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताते हुए योगी सरकार की बुलडोजर नीति की आलोचना की गई। इस प्रदर्शन ने न सिर्फ सड़कों पर, बल्कि डिजिटल मंच पर भी सपा की आवाज को बुलंद किया।

मुख्यमंत्री की सौगात के पहले सपा का विरोध

गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस दिन शहरवासियों को फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सौगात दी थी। इसके ठीक पहले सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन को चकमा देकर बुलडोजर शव यात्रा का आयोजन कर दिया। इस विरोध ने शहर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और विपक्ष की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विपक्षी पार्टियां, विशेषकर समाजवादी पार्टी, इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा है कि सड़क, फुटपाथ और रेलवे लाइन किनारे किए गए अवैध निर्माण पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

यह आदेश सुप्रीम कोर्ट का एक अंतरिम निर्णय है, जिस पर अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होनी है। इस आदेश के बाद विपक्षी नेता इसे भाजपा के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा मानते हुए इसे अपने पक्ष में इस्तेमाल कर रहे हैं।

सपा का विरोध और आगामी रणनीति

समाजवादी पार्टी बुलडोजर नीति के खिलाफ लगातार आवाज उठाती रही है, और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अपने लिए एक बड़ी जीत मान रही है। सपा कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि वे आने वाले दिनों में भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ और भी तीखा विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। बुलडोजर की शव यात्रा इस बात का प्रतीक है कि सपा योगी सरकार की नीतियों को जनता के बीच लेकर जाने का प्रयास कर रही है।

निष्कर्ष

गोरखपुर में सपा कार्यकर्ताओं का बुलडोजर शव यात्रा निकालना एक प्रतीकात्मक विरोध था, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया। इस विरोध ने सपा को एक नया राजनीतिक हथियार दे दिया है, जिससे वे आने वाले दिनों में योगी सरकार पर और भी प्रहार कर सकते हैं। इस घटना ने न सिर्फ गोरखपुर में, बल्कि पूरे राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।

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