Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान भारतीय सेना के अधिकारियों ने जो अद्वितीय अनुभव प्राप्त किया, वह जीवनभर उनके यादों में रहेगा। इस वर्ष के महाकुंभ मेले में भारतीय सेना ने बजरंग दास मार्ग पर एक नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किया था, जहां सेना के मेडिकल कोर की टीम ने श्रद्धालुओं की सेवा की। अब इस शिविर में कार्य करने वाली मेडिकल टीम ने अपनी जिम्मेदारी दूसरी टीम को सौंप दी है। विदाई के समय सेना के अधिकारियों ने अपने अनुभवों को साझा किया और कहा कि इस अद्वितीय आयोजन में कार्य करने का अनुभव अवर्णनीय था।
सेना के अधिकारियों का अनुभव:
सेना के अधिकारियों के अनुसार, महाकुंभ में नेत्र चिकित्सा शिविर में कार्य करना एक विशेष और अविस्मरणीय अनुभव था। इस अवसर पर उन्होंने श्रद्धालुओं की आंखों की जांच की, उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान किया और उन्हें जीवन को बेहतर बनाने के उपाय बताए। इस अनुभव ने न केवल उनके पेशेवर कौशल को और निखारा, बल्कि समाज के प्रति उनके कर्तव्यों की भी पुष्टि की। अधिकारियों का कहना था कि इस तरह के आयोजनों में शामिल होने से न केवल सेवा का अवसर मिलता है, बल्कि यह देश के लिए योगदान देने का भी एक अद्वितीय तरीका होता है।
महाकुंभ के महत्व को महसूस किया:
महाकुंभ, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, में भारतीय सेना की भूमिका को देखना और अनुभव करना सेना के अधिकारियों के लिए एक सम्मान की बात थी। उन्हें यह समझने का मौका मिला कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एक साझा अनुभव भी है। श्रद्धालुओं के साथ इस आयोजन में भाग लेकर उन्होंने भारतीय सेना की सामूहिक सेवा भावना को और महसूस किया। अधिकारियों ने कहा कि महाकुंभ में कार्य करते समय वे पूरी तरह से समर्पित थे और उन्होंने अपनी सेवा को पूरी निष्ठा से अंजाम दिया।
सेवा का उद्देश्य और संतोष:
इस शिविर में काम करने के दौरान अधिकारियों ने जो संतोष अनुभव किया, वह शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, जब उन्हें श्रद्धालुओं की आंखों की देखभाल करने का अवसर मिला और उनके चेहरों पर संतोष की भावना देखी, तो उन्हें यह एहसास हुआ कि उन्होंने सही दिशा में काम किया है। यह सेवा कार्य न केवल चिकित्सकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारतीय सेना की सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का एक बड़ा उदाहरण था।
नई टीम का स्वागत:
सेना की मेडिकल कोर की टीम ने अपनी जिम्मेदारी सौंपते हुए नई टीम का स्वागत किया। अधिकारियों ने विश्वास जताया कि नई टीम भी अपनी सेवाएं उसी जोश और समर्पण के साथ प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह सेवा का अनुभव सभी के लिए सीखने का एक अवसर है, जो उन्हें जीवनभर याद रहेगा।
नेत्र चिकित्सा शिविर का हिस्सा बनकर प्राप्त अनुभव
भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए महाकुंभ 2025 का यह अनुभव न केवल पेशेवर दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह उनके व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण को भी एक नई दिशा देने वाला था। इस तरह के आयोजनों में भागीदारी से न केवल सेवा का अवसर मिलता है, बल्कि यह भारतीय सेना के मानवता और समाज के प्रति समर्पण की भावना को भी उजागर करता है।