UP Board Exams :उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के धनौरा तहसील में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 33 साल की एक महिला सूरजपाल शकुंतला देवी इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की परीक्षा देती हुई पाई गई। महिला ने 2008 में कक्षा आठ पास की थी और पिछले शैक्षिक सत्र में कक्षा नौ में दाखिला लिया था। इस घटना ने शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर किया है और परीक्षा केंद्र के प्रशासनिक कर्तव्यों में भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
डीआईओएस का एक्शन
इस मामले में डीआईओएस (जिला शिक्षा अधिकारी) विष्णु प्रताप सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक को हटा दिया है। डीआईओएस ने यह कदम उठाया क्योंकि परीक्षा केंद्र की पूरी व्यवस्था में अनियमितताएँ सामने आईं थीं। जब वह पहली पाली में परीक्षा केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्होंने एक महिला को परीक्षा देते देखा, जिसकी उम्र 33 वर्ष थी। जब उन्होंने महिला से उसकी पहचान और परीक्षा से संबंधित जानकारी ली, तो पता चला कि महिला ने 2008 में कक्षा आठ पास की थी और 2023 में कक्षा नौ में दाखिला लिया था।
शिक्षा विभाग की लापरवाही का पर्दाफाश
इस घटना ने शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। जब डीआईओएस ने केंद्र का निरीक्षण किया, तो पाया गया कि महिला का नामांकन बिना किसी उचित प्रक्रिया के हुआ था। इसके अलावा, परीक्षा केंद्र के स्ट्रांग रूम में रखी परीक्षा सामग्री भी सुरक्षित नहीं पाई गई। इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या परीक्षा केंद्र पर पर्याप्त निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था है?
महिला के बारे में जानकारी
महिला परीक्षार्थी ने 2008 में कक्षा आठ पास किया था और उसके बाद कई सालों तक शिक्षा से दूर रही थी। उसने 2023 में अचानक कक्षा नौ में प्रवेश लिया और फिर 2025 में हाईस्कूल की परीक्षा देने पहुंची। यह घटना न केवल उस महिला के लिए बल्कि अन्य उम्मीदवारों के लिए भी चिंता का विषय बन गई, क्योंकि ऐसे मामलों से परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
भविष्य में सख्त निगरानी की जरूरत
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी की आवश्यकता है। शिक्षा विभाग को इस तरह की लापरवाही को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और ऐसा मामला सामने न आए। डीआईओएस ने केंद्र के प्रशासनिक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन इस घटना के बाद परीक्षा के दौरान ऐसे मामलों को रोकने के लिए और भी कड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद है।