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UPSC ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों की जांच शुरू की,फर्जी पहचान और दस्तावेजों का आरोप

विवादास्पद ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने यूपीएससी की ओर से उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी है। खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा में धोखाधड़ी करते हुए अपनी पहचान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। इस पर खेडकर का कहना है, ”न्यायपालिका अपना काम करेगी और जो भी होगा, मैं उसका जवाब दूंगी।”

फर्जीवाड़े का आरोप

पूजा खेडकर पर दस्तावेजों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि उन्होंने नाम, सिग्नेचर, ईमेल, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी फर्जी पहचान बनाई और इस पहचान के साथ परीक्षा में बैठी थीं।

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीएससी ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा खेडकर के कदाचार की गहन जांच की है।

फर्जी पहचान का आरोप

आयोग के अनुसार, इस जांच से पता चला है कि खेडकर ने नाम, पिता और माता का नाम, तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर फर्जी पहचान बनाई और परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से अधिक धोखाधड़ी से लाभ उठाया।

यूपीएससी की जांच और कार्रवाई

यूपीएससी का कहना है कि इसलिए, आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसके तहत पुलिस में एफआईआर दर्ज कराकर आपराधिक अभियोजन शामिल है। इसके अलावा सिविल सेवा में उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) भी जारी किया गया है। सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार, उन्हें भविष्य की परीक्षाओं या चयनों से प्रतिबंधित किया गया है।

ट्रेनिंग पर रोक और एलबीएसएनएए में रिपोर्टिंग

यूपीएससी ने स्पष्ट किया है कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए सभी कर्तव्यों का सख्ती से पालन करता है। इससे पहले विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी की ट्रेनिंग पर भी रोक लगा दी गई थी। उन्हें फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था।

सिविल सेवा परीक्षा की पवित्रता पर सवाल

इस मामले ने सिविल सेवा परीक्षा की पवित्रता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यूपीएससी का कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि इस तरह के कदाचार को सख्ती से निपटाया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

पूजा खेडकर की न्यायपालिका पर विश्वास

पूजा खेडकर का कहना है कि वे न्यायपालिका की प्रक्रियाओं का सम्मान करती हैं और जो भी निष्कर्ष आएगा, उसे स्वीकार करेंगी। इस घटना ने प्रशासनिक सेवा में अनुशासन और ईमानदारी की महत्वपूर्णता को फिर से उजागर किया है।

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