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उत्तर प्रदेश कैबिनेट निर्णय: राज्यकर्मी को भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपये तक कर्ज ले सकेंगे, ब्याज दर भी घटाई गई

UP Cabinet Decision: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भवन निर्माण और मरम्मत हेतु अग्रिम राशि की सीमा में बड़ी वृद्धि की है। अब राज्य में तैनात अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी तथा राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी भवन निर्माण के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये तक और भवन मरम्मत के लिए 10 लाख रुपये तक कर्ज ले सकेंगे। इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट से मंजूरी मिली है।

ब्याज दर 9 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत की गई

राज्य सरकार ने इस योजना के तहत कर्मचारियों को मिलने वाले कर्ज पर ब्याज दर को भी कम कर दिया है। पहले जहां ब्याज दर 9 प्रतिशत थी, उसे घटाकर अब 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पहले यदि कर्मचारी समय से किश्त चुका देता था तो उसे ब्याज दर में 2.5 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन अब ब्याज दर को स्थिर कर 7.5 प्रतिशत पर फिक्स कर दिया गया है।

केंद्र सरकार के बराबर सुविधाएं अब राज्य कर्मचारियों को भी मिलेंगी

कैबिनेट की स्वीकृति के बाद राज्य कर्मचारियों को भी केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के समान सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नई व्यवस्था के अनुसार कर्मचारी अपनी मूल वेतन की 34 महीने की राशि तक, जो अधिकतम 25 लाख रुपये है, भवन निर्माण के लिए अग्रिम राशि के रूप में प्राप्त कर सकेंगे।

पहले की तुलना में बढ़ी कर्ज की सीमा

यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्य कर्मचारियों को भवन निर्माण के लिए अधिकतम केवल 7.5 लाख रुपये तथा भवन मरम्मत के लिए 1.80 लाख रुपये तक की राशि मिलती थी। अब इस सीमा को काफी हद तक बढ़ा दिया गया है जिससे कर्मचारी बेहतर आवास सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ का मुख्यमंत्री व वित्त सचिव को धन्यवाद

उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष अर्जुन देव भारती ने इस फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार का आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि इस निर्णय से राज्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर में सुधार होगा तथा वे अपने आवास की बेहतर देखभाल कर सकेंगे।

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