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भारी बारिश के चलते वैष्णो देवी यात्रा प्रभावित… बाणगंगा नदी उफान पर, यात्रा मार्ग बदला गया, श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी

Vaishno Devi Yatra: मां वैष्णो देवी धाम में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने एक बार फिर यात्रा मार्गों पर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मंगलवार रात से लेकर बुधवार दोपहर तक भारी वर्षा के कारण त्रिकूट पर्वत की पहाड़ियों से पत्थरों का गिरना शुरू हो गया, जिससे बाणगंगा नदी उफान पर आ गई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग में आवश्यक बदलाव किए हैं।

यात्रा मार्ग में बदलाव, बैटरी कार सेवा फिर से शुरू

तेज बारिश और भूस्खलन के चलते प्रमुख मार्गों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। विशेष रूप से बाणगंगा क्षेत्र में लगातार गिरते पत्थरों के कारण रास्ता बंद किया गया। श्राइन बोर्ड ने एहतियात के तौर पर श्रद्धालुओं को ताराकोट मार्ग से अर्धकुंवारी, फिर वहां से हाथी मत्था होते हुए सांझी छत के रास्ते भवन की ओर भेजा।हालांकि दोपहर करीब 3 बजे मौसम में सुधार होने के बाद बैटरी कार मार्ग को दोबारा खोल दिया गया, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली। गुलशन लंगर के पास भी रास्ता बहाल कर दिया गया है, जिससे यात्रियों का आवागमन कुछ हद तक सुगम हो सका है।

हेलीकॉप्टर सेवा अभी भी बंद

तेज बारिश, घना कोहरा और खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर सेवा अभी भी ठप है। लगातार कई दिनों से सेवा बाधित है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को पैदल यात्रा करनी पड़ रही है या फिर घोड़े, पिट्ठू और पालकी जैसी पारंपरिक सुविधाओं का सहारा लेना पड़ रहा है।

भूस्खलन के बाद सुरक्षा के मद्देनजर मार्ग बंद

भैरों घाटी मार्ग पर भी बुधवार सुबह भूस्खलन की घटना सामने आई, जिसके कारण थोड़ी देर के लिए मार्ग बंद करना पड़ा। लेकिन दोपहर बाद मलबा हटाए जाने के बाद रास्ता दोबारा खोल दिया गया। हालांकि प्रशासन की सतर्कता बनी हुई है और किसी भी स्थिति में तत्काल राहत दलों को सक्रिय किया जा रहा है।

श्राइन बोर्ड की श्रद्धालुओं से अपील

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें, और यात्रा के दौरान बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। सभी मार्गों पर आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं जो हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

श्रद्धालुओं में बना है उत्साह, लेकिन सतर्कता भी जरूरी

मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार है। बीते 29 जुलाई को 20,628 श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी, वहीं 30 जुलाई शाम तक 16,800 से अधिक श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे।श्राइन बोर्ड की कोशिश है कि हर श्रद्धालु की यात्रा सुरक्षित और सुखद हो। फिलहाल यात्रा ताराकोट मार्ग और प्राचीन मार्गों से जारी है, और प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ व्यवस्थाओं को संभाल रहा है।

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