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Kolkata के आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म मामले में आज आएगा फैसला

RG Kar Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में आज स्थानीय अदालत अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले के मुख्य आरोपी अस्पताल का कर्मचारी संजय रॉय है, जिसे पुलिस ने महिला डॉक्टर के साथ बर्बरता करने के बाद उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया है। इस जघन्य अपराध के बाद देश भर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे।

मामला क्या था?

9 अगस्त, 2022 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी और शव अर्धनग्न अवस्था में पाया गया। इस क्रूर घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के कर्मचारी संजय रॉय को संदिग्ध मानते हुए 10 अगस्त को हिरासत में लिया। इस अपराध के बाद कोलकाता में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जो राज्य में भारी राजनीतिक दबाव का कारण बने।

विरोध और राजनीतिक दबाव

घटना के सामने आने के बाद कोलकाता में डॉक्टरों और चिकित्सा समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश दिया और साथ ही अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि सात दिनों के भीतर जांच पूरी नहीं होती है, तो मामले को सीबीआई के पास सौंपा जाएगा। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे इस मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी दबाव बढ़ा।

कोर्ट की कार्यवाही

मामला सियालदह अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की कोर्ट में चल रहा था। 57 दिन बाद आज इस मामले में फैसला आने वाला है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे और पुलिस ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ ठोस सबूत एकत्र किए थे। कोर्ट की कार्यवाही के दौरान, आरोपी की भूमिका और घटनास्थल पर उसकी उपस्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई थी।

मामले की गंभीरता और सामाजिक प्रभाव

यह मामला कानूनी दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाता है। एक प्रतिष्ठित अस्पताल जैसे स्थान पर इस तरह का जघन्य अपराध हुआ था, जिससे न केवल चिकित्सा समुदाय बल्कि आम जनता भी शोक में डूब गई। इस घटना ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर दबाव डाला कि वे मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करें, ताकि आरोपियों को सजा दिलाई जा सके और इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।

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