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धर्मात्मा निषाद के परिवार के लिए न्याय की आवाज़, अजय राय की मुख्यमंत्री से मांग


निषाद पार्टी के पूर्व नेता धर्मात्मा निषाद ने प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद को अपनी मृत्यु का जिम्मेदार ठहराया था और आत्महत्या कर ली थी। उनकी इस आत्महत्या के बाद उनका परिवार अभी तक न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रहा है। धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या करने से पहले एक बयान लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने मौत के लिए संजय निषाद और कुछ अन्य लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बावजूद, अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जो कि परिवार के लिए दुख और निराशा का कारण बन गया है।

अजय राय की भावुक प्रतिक्रिया और सवाल
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री श्री अजय राय ने धर्मात्मा निषाद के परिवार से मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया कि अब धर्मात्मा निषाद की पत्नी, मां और आठ महीने की बच्ची किसके सहारे जिएंगी? अजय राय ने यह सवाल उठाया कि इस परिवार को न्याय देने के लिए संजय निषाद को तत्काल बर्खास्त किया जाए और जेल भेजा जाए। साथ ही उन्होंने मांग की कि इस परिवार को समुचित सुरक्षा प्रदान की जाए। उनका यह भी कहना था कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं तो उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें अपने मठ वापस लौट जाना चाहिए।

धर्मात्मा निषाद के परिवार की स्थिति
धर्मात्मा निषाद के परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। उनकी विधवा पत्नी और मां अब तक न्याय की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं। धर्मात्मा निषाद की पत्नी ने यह बताया कि निषाद पार्टी को खड़ा करने में उन्होंने अपना कीमती जेवर तक बेच दिया था। धर्मात्मा निषाद, जो निषाद समाज के लिए एक बड़े नेता थे, अपनी मिलनसार और सहयोगी स्वभाव के लिए जाने जाते थे। जब संजय निषाद ने निषाद समाज के बजाय अपने परिवार के हित में काम करना शुरू किया, तो निषाद समाज ने धर्मात्मा निषाद को अपना नेता मान लिया। इससे नाराज होकर संजय निषाद ने धर्मात्मा निषाद का उत्पीड़न करना शुरू कर दिया, जिसका प्रभाव धर्मात्मा निषाद पर मानसिक तनाव के रूप में पड़ा। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले इस तनाव का जिक्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी किया था।

न्याय का इंतजार और संवेदनहीनता
धर्मात्मा निषाद की मौत को काफी समय हो चुका है, लेकिन अब तक उनके परिवार को न्याय नहीं मिला है। यह स्थिति संवेदनहीनता और अमानवीयता की पराकाष्ठा को दर्शाती है। धर्मात्मा निषाद की मां और पत्नी आज भी अपनी दुख भरी दास्तान रोते हुए बयान कर रही हैं, और कोई भी इनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है। यह न केवल एक परिवार के लिए दुखद है, बल्कि यह समाज की संवेदनशीलता और न्याय प्रणाली पर भी सवाल उठाता है।

समुचित सुरक्षा की मांग
अजय राय ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने धर्मात्मा निषाद के परिवार को समुचित सुरक्षा देने की आवश्यकता को स्पष्ट किया, ताकि वे अपने जीवन को सुरक्षा और सम्मान के साथ जी सकें। उनका यह भी कहना था कि यदि सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो यह और भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

निष्कर्ष
धर्मात्मा निषाद का दुखद निधन और उनके परिवार का न्याय के लिए संघर्ष एक गंभीर मुद्दा है। इस परिवार को न्याय मिलना चाहिए, ताकि उनके जीवन में कुछ राहत आ सके। अब यह उत्तर प्रदेश सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करे, ताकि धर्मात्मा निषाद के परिवार को न्याय मिल सके और उनकी असहाय स्थिति में सुधार हो सके।

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