Vice President Election:देश के नए उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मंच पूरी तरह से सज चुका है। आज (मंगलवार) को राजग (NDA) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला होना है।भाजपा नीत गठबंधन को अपनी जीत का भरोसा है, लेकिन कुछ दलों के मतदान से दूर रहने की आशंका ने समीकरणों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
धनखड़ के इस्तीफे से खाली हुआ पद
गौरतलब है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद यह संवैधानिक पद रिक्त हुआ। अब देश को एक नया उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है।आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में सांसद मतदान करेंगे। इसके बाद शाम 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और देर रात तक नतीजे की घोषणा की संभावना है।
गुप्त मतदान, सांसद व्हिप से मुक्त
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव गुप्त मतदान प्रणाली से होता है। इसलिए सांसदों को पार्टी व्हिप से बंधे रहने की आवश्यकता नहीं होती। वे अपनी पसंद के अनुसार मतदान कर सकते हैं।सांसदों को दोनों उम्मीदवारों के नाम वाले मतपत्र मिलेंगे, जिनमें उन्हें अपनी प्राथमिकता क्रम में ‘1’ लिखकर अपनी पसंद जाहिर करनी होगी।मतदान में अंकन के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंक प्रणाली, रोमन अंकों, या किसी भारतीय भाषा के अंकों का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन शब्दों में लिखना वर्जित है।
साफ़ है नंबर गेम: NDA को बढ़त
निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य होते हैं, जिनमें से 781 इस बार मतदान के पात्र हैं। राज्यसभा की 6 और लोकसभा की 1 सीट रिक्त है।
जीत के लिए कम से कम 391 वोटों की जरूरत है।
राजग (NDA) के पास 425 सांसद हैं।
विपक्ष के पास 324 सांसद हैं।
वाईएसआरसीपी के 11 सांसदों ने राजग को समर्थन देने की घोषणा की है।
जबकि बीआरएस और बीजद ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया है।
राधाकृष्णन की सादगी और साफ छवि NDA के लिए बोनस
सी.पी. राधाकृष्णन, वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल, एक ओबीसी समुदाय से आते हैं और RSS पृष्ठभूमि के मृदुभाषी और ईमानदार नेता माने जाते हैं।
वे तमिलनाडु के एकमात्र भाजपा नेता हैं, जो 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सदस्य चुने गए थे।
राजग के लिए उनकी साफ-सुथरी छवि एक अतिरिक्त लाभ साबित हो सकती है। उन्होंने अपने प्रचार अभियान में देशभर के सांसदों से संपर्क किया।
न्यायिक अनुभव से भरपूर विपक्ष का प्रत्याशी
संयुक्त विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के रूप में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।
79 वर्षीय रेड्डी ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति ली थी। वे काले धन की जांच में सरकार की सुस्ती को लेकर मुखर रहे हैं और उन्होंने सलवा जुडूम जैसे कई मामलों में ऐतिहासिक फैसले दिए।उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में जज और गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी सेवा दी है। साथ ही तेलंगाना के जातिगत सर्वेक्षण आयोग का नेतृत्व भी किया है।
EVM से क्यों नहीं होता उपराष्ट्रपति चुनाव?
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव विशेष प्रणाली से होते हैं जिसे “एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के तहत आनुपातिक प्रतिनिधित्व” कहा जाता है।
इसमें मतदाता अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवारों के सामने प्राथमिकता क्रम (1, 2, 3…) अंकित करते हैं।
इस प्रणाली के लिए ईवीएम डिज़ाइन नहीं की गई है, इसलिए मतपत्र से ही मतदान किया जाता है।