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उत्तर भारत में मौसम का कहर..दिल्ली में उमस, पंजाब में बाढ़, हिमाचल में भूस्खलन

Weather Update:दिल्ली में हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद अब तापमान में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। सूरज की तेज़ किरणों ने दिन में लोगों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। वातावरण में बढ़ती नमी और तापमान के कारण उमस भरी गर्मी ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने अगले तीन से चार दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी की संभावना जताई है, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद कम है। यमुना नदी का जलस्तर भी तेजी से घट रहा है, लेकिन गर्मी का प्रकोप कम होता नहीं दिख रहा।

यूपी और बिहार में भारी बारिश की चेतावनी

उत्तर प्रदेश में 11 सितंबर से बारिश का नया दौर शुरू होने की आशंका है। वहीं बिहार में 13 सितंबर तक हल्की से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन राज्यों में भारी बारिश के चलते जलभराव और जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना है।

पंजाब में बाढ़ का संकट बरकरार

पंजाब में भले ही नदियों और बांधों का जलस्तर कुछ हद तक घटा है, लेकिन राज्य में अभी भी 12 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी है। इससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों में जल प्रवाह में थोड़ी कमी जरूर आई है, पर कई गांव अब भी 4 से 5 फीट पानी में डूबे हुए हैं।पंजाब के 2,064 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसमें करीब 1.87 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है। फिरोजपुर, फाजिल्का और कपूरथला जिलों में सड़कों पर झील जैसा नज़ारा बना हुआ है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

फाजिल्का के गांवों में नाव से भेजी जा रही राहत सामग्री

फाजिल्का जिले के नूरशाह और दोना नानका जैसे गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है। यहां 12 गांवों को जोड़ने वाला कांवांवाली पुल भी पानी में डूबा हुआ है, जिससे इन गांवों का आपसी संपर्क टूट गया है। प्रभावित क्षेत्रों में नावों के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हालांकि राज्य के अधिकांश निजी स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्कूल अब भी बंद हैं।

हिमाचल में भूस्खलन से त्रासदी, पांच की मौत

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के शमारनी गांव में सोमवार रात भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ। इसमें दो घर पूरी तरह मलबे में दब गए। हादसे में आठ लोग प्रभावित हुए, जिनमें पांच की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हैं।एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को निकाला गया और पहले नागरिक अस्पताल निरमंड और फिर रामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक घायलों की हालत अब स्थिर है। यह घटना पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण हुई।

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