Operation Sindoor : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक “ऑपरेशन सिंदूर” पर देशभर में भारी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। हाल ही में 9 से 15 मई के बीच कराए गए एक जनमत सर्वे में यह बात सामने आई है कि इस ऑपरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत किया है।इस सर्वे में देश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से 7,463 लोगों की राय ली गई। सर्वे के मुताबिक, 66% नागरिकों ने ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तरह सफल बताया जबकि 18% ने इसे आंशिक सफलता कहा। मात्र 9% लोगों ने इसे असफल करार दिया।
पाकिस्तान को सबक सिखाने में मोदी को सबसे सक्षम बताया
जब जनता से पूछा गया कि पाकिस्तान को सबक सिखाने में कौन नेता सबसे सक्षम है, तो 70% लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस जिम्मेदारी के योग्य माना। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे अन्य विपक्षी नेताओं को एकल अंक में समर्थन मिला।इतना ही नहीं, 42% लोगों ने मोदी को इंदिरा गांधी से भी बेहतर निर्णय लेने वाला नेता माना जबकि 29% ने इंदिरा गांधी को प्राथमिकता दी।
पाकिस्तान की परमाणु ढाल भी नहीं बनी रुकावट
सर्वे में 78% उत्तरदाताओं ने माना कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु हमले के डर को दरकिनार कर एक साहसिक कदम उठाया। 72% ने ऑपरेशन को “सदी की बड़ी सैन्य उपलब्धि” कहा। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि जनता ने सरकार के फैसले को रणनीतिक दृष्टि से सराहा है।
भारत की वैश्विक छवि पर पड़ा सकारात्मक प्रभाव
73% लोगों ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार हुआ है। वहीं, 69% ने माना कि पीएम मोदी की व्यक्तिगत वैश्विक प्रतिष्ठा में भी इजाफा हुआ है। इससे सरकार की विदेश नीति और सैन्य रणनीति पर जनता का विश्वास और गहरा हुआ है।
मोदी की लोकप्रियता में आया उछाल
सर्वे में यह भी सामने आया कि 74% लोगों ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है। जबकि 84% लोगों ने कहा कि इससे सरकार और सेना पर उनका विश्वास और मजबूत हुआ है।
विपक्ष की आलोचना को जनता ने बताया राजनीति से प्रेरित
जब पूछा गया कि विपक्ष द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए गए सवालों को वे किस रूप में देखते हैं, तो 57% लोगों ने इन आलोचनाओं को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया। केवल 27% ने विपक्ष के सवालों को जायज़ माना।45% लोगों ने संसद के विशेष सत्र बुलाने की मांग को नकारा, जबकि 33% ने इसका समर्थन किया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम को मिला भारी समर्थन
इस सर्वे में जब पूछा गया कि क्या “ऑपरेशन सिंदूर” नाम सही है, तो 76% लोगों ने इस नाम का समर्थन किया। इससे साफ है कि यह नाम रणनीतिक और भावनात्मक स्तर पर लोगों के मन में जगह बना चुका है।