Delhi News:देश की राजधानी दिल्ली हर साल सर्दियों में प्रदूषण की मार झेलती है और अक्सर इसके लिए दिल्ली को ही कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। लेकिन विशेषज्ञों और विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, दिल्ली की हवा को जहरीला बनाने में राजधानी की हिस्सेदारी मात्र लगभग 30 प्रतिशत ही है। असली समस्या इससे कहीं बड़ी और व्यापक है, जो पूरे उत्तर भारत से जुड़ी हुई है।
दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण को केवल एक शहर की समस्या मानकर समाधान नहीं किया जा सकता। यह संकट पूरे इंडो-गैंगेटिक प्लेन यानी उत्तरी मैदान की भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों से जुड़ा हुआ है। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों से निकलने वाला धुआं और प्रदूषक तत्व हवा के जरिए दिल्ली तक पहुंचते हैं और यहां की हवा को और ज्यादा जहरीला बना देते हैं।
धुएं का असली ‘विलेन’ कौन?
विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में हवा की रफ्तार कम हो जाती है और तापमान में गिरावट के कारण ‘तापीय उलटाव’ (Temperature Inversion) की स्थिति बन जाती है। इसके चलते प्रदूषक तत्व ऊपर जाने की बजाय जमीन के पास ही फंसे रहते हैं। यही वजह है कि पूरे उत्तरी भारत में फैला प्रदूषण दिल्ली में आकर ठहर जाता है और स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है।
दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने, औद्योगिक उत्सर्जन, ईंट-भट्ठों, डीजल वाहनों और निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल का है। इसके अलावा, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र भी हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन सभी कारकों का प्रभाव सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरा उत्तरी भारत इसकी चपेट में आता है।
दिल्ली-केंद्रित सोच से बाहर निकलना होगा
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटना है, तो दिल्ली-केंद्रित सोच से बाहर निकलना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार और सभी संबंधित राज्यों को मिलकर साझा रणनीति बनानी होगी। पराली प्रबंधन, स्वच्छ ईंधन का उपयोग, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्त नियंत्रण जैसे कदम पूरे इंडो-गैंगेटिक प्लेन में एक साथ लागू करने होंगे।
कुल मिलाकर, दिल्ली का प्रदूषण किसी एक शहर की गलती नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की साझा समस्या है। जब तक इसे क्षेत्रीय स्तर पर नहीं समझा जाएगा और सामूहिक प्रयास नहीं होंगे, तब तक दिल्ली समेत पूरा उत्तरी भारत जहरीली हवा से राहत नहीं पा सकेगा।

