World Hindi Day 2025:हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। यह हमारी राष्ट्रभाषा है, जो न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती है। हिंदी, हर भारतीय के संस्कृति, इतिहास और साहित्य को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। आज हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है, और इसके वक्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। दुनिया भर में लगभग 65 करोड़ लोग हिंदी का उपयोग करते हैं, और यह भाषा करीब 13 देशों में बोली जाती है।
विश्व हिंदी दिवस, हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और इसके महत्व को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा को एक सशक्त और सम्मानित भाषा के रूप में स्थापित करना है, ताकि इसका उपयोग और प्रभाव दुनियाभर में बढ़ सके।
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास
विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत करीब 50 साल पहले, 1975 में हुई थी, जब भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया था। इस सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाना और उसे एक प्रभावशाली भाषा के रूप में स्वीकार्यता दिलाना था। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे, और यहीं से हिंदी के वैश्विक प्रचार की नींव रखी गई थी।
इसके बाद, 10 जनवरी 2006 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली बार औपचारिक रूप से विश्व हिंदी दिवस मनाने का ऐलान किया। तब से, हर साल 10 जनवरी को यह दिन मनाया जाता है, और हिंदी के महत्व को दुनियाभर में बढ़ावा देने के लिए कई सेमिनार, कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन किया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस 2025: थीम और उद्देश्य
इस साल, 2025 में, विश्व हिंदी दिवस की थीम “हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज” रखी गई है। यह थीम हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से वैश्विक एकता और सांस्कृतिक गौरव को प्रोत्साहित करने का संदेश देती है। हिंदी को केवल एक भाषा के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी जाती है, जो भारतीय समाज की विविधता और एकता को व्यक्त करती है।
हिंदी का भविष्य और समाज पर प्रभाव
हिंदी की वृद्धि और इसका वैश्विक प्रभाव यह दिखाता है कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एकता, समृद्धि और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। विश्व हिंदी दिवस इस बात का प्रतीक है कि हिंदी आज न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में एक महत्वपूर्ण भाषा बन चुकी है। हिंदी में साहित्य, गीत, फिल्में, और डिजिटल कंटेंट का भी विशाल योगदान है, जो इसे और भी प्रभावशाली बनाता है।