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World No Tobacco Day 2025: सिगरेट नहीं पीते फिर भी खतरे में हैं आप, जानिए कैसे सेकंड हैंड स्मोकिंग पहुंचाती है सेहत को नुकसान

World No Tobacco Day 2025:हर साल 31 मई को ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’ यानी ‘तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू और धूम्रपान से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना होता है। हम सभी जानते हैं कि सिगरेट पीना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन बहुत कम लोग यह समझते हैं कि सिगरेट पीने वालों के आसपास रहना भी उतना ही नुकसानदायक हो सकता है। इस प्रक्रिया को सेकंड हैंड स्मोकिंग (Second Hand Smoking) या पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है।सेकंड हैंड स्मोकिंग में सिगरेट का धुआं सीधे उन लोगों के फेफड़ों में जाता है जो खुद धूम्रपान नहीं करते लेकिन धूम्रपान करने वाले के आसपास मौजूद होते हैं। यह धुआं सांस के ज़रिए शरीर में जाकर कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।

कई गंभीर बीमारियों

  1. फेफड़ों की बीमारियों का बढ़ता खतरा
    सेकंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने से फेफड़ों को सीधा नुकसान पहुंचता है। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, लंग इन्फेक्शन और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का भी खतरा रहता है। कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक होती है। बच्चों में सांस की बीमारियां, एलर्जी और समय से पहले जन्म जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  2. दिल की बीमारियों का खतरा
    सिगरेट का धुआं दिल की धमनियों को प्रभावित करता है और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न करता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, और दिल की धड़कनों में अनियमितता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  3. कैंसर का जोखिम
    सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्सिनोजेन्स (कैंसर पैदा करने वाले तत्व) न केवल फेफड़ों बल्कि गले, मुंह, ब्लैडर और अन्य अंगों में भी कैंसर की आशंका को बढ़ाते हैं। कई बार व्यक्ति खुद तंबाकू का सेवन नहीं करता, लेकिन दूसरों की आदतों की वजह से वह भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ सकता है।
  4. बच्चों की सेहत पर बुरा असर
    बच्चों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने वाले बच्चे अक्सर सांस की बीमारियों, बार-बार सर्दी-जुकाम, और कान के संक्रमण से पीड़ित रहते हैं। इसके अलावा, उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है।
  5. गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा
    गर्भवती महिलाओं के लिए सेकंड हैंड स्मोकिंग बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे गर्भस्थ शिशु पर बुरा असर पड़ता है। कम वजन के बच्चे का जन्म, समय से पहले डिलीवरी, और मिसकैरेज जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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