Uttar Pradesh Flood:मथुरा जिले में यमुना नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़कर खतरे के निशान (166 मीटर) से 86 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। इससे नदी की खादर में बसे कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कई कॉलोनियों में पानी घुस गया है, गलियाँ पूरी तरह पानी में डूब गई हैं।
जलवृद्धि की रफ्तार व असर
जलस्तर में हर घंटे लगभग 1 सेंटीमीटर वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे शनिवार की सुबह तक यह स्तर 167 मीटर पार करने का अनुमान है। मौजूदा हालात को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हुआ है और फ्लड पीएसी साथ में थानों की फोर्स तटबंधों पर तैनात की गई है, ताकि लोग घाटों की ओर न जाएँ।
प्रभावितों की संख्या और राहत कार्य
अब तक लगभग 6,300 लोग प्रभावित हुए हैं और 2,940 लोगों को राहत सामग्री की जरूरत बताई गई है।
25 राहत आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहाँ 2,410 लोग रह रहे हैं।
10 पशुओं के लिए भी विशेष स्थान बनाए गए हैं।
इन केंद्रों में परिवार और जानवर सुरक्षित हैं, लेकिन प्रशासन लगातार निगरानी रखे हुए है।
खादर कॉलोनियों में हालत बदतर
खादर क्षेत्र की बसाहटों में 200 मीटर तक पानी प्रवेश कर चुका है, और गलियों में 3–4 फीट तक पानी भरा हुआ है। करीब 2,000 मकान पूरी तरह पानी में डूब गए हैं, और 300 से अधिक घरों में पानी पूरी तरह घुस गया है। कई लोगों ने अपने मकान खाली कर दिए और रक्षात्मक आश्रय स्थल या रिश्तेदारों के घर चले गए।खादर क्षेत्र में बिजली की सप्लाई लगभग बंद है। गणेश टीला क्षेत्र के एक निवासी ने कहा कि घर में केवल एक घंटा बिजली मिलती है—बाकी समय अंधकार पसरा रहता है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
मथुरा के डीएम चंद्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार ने घाटों का निरीक्षण कर लोगों से अपील की कि वे किसी भी हाल में घाटों के पास न जाएँ। बैरिकेडिंग और शेल्टर होम की व्यवस्था की गई। साथ ही, अधिकारियों ने गांटवारियों और मंदिरों में शरणार्थियों के लिए व्यवस्था देखी और पशुओं के लिए चारा व्यवस्था सुनिश्चित की।
गांवों का अकलूता रूप और परिवहन की स्थिति
13 गांव ऐसे हैं जो पानी में पूरी तरह डूबकर टापू बन गए हैं, और अन्य कई गांवों में भी लोग फंसे गए हैं। शेरगढ़, मांट, गोविंद, बहटा और आसपास के इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं; कुछ क्षेत्रों में लोगों को स्टीमर के जरिए निकाला गया।
पुलिस, प्रशासन और बचाव प्रयास जारी
प्रशासन और पुलिस दोनों ही सतर्क स्थिति में हैं। नदी की विकराल वृद्धि और बारिश की अफवाहों के बीच लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाढ़ राहत अभियान को सक्रिय रूप से जारी रखा जा रहा है।