UP Vehicle Tax 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी वाहनों पर लगने वाले वन टाइम टैक्स में एक प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। इस फैसले के तहत अब 10 लाख रुपये तक की गाड़ियों पर 9 प्रतिशत टैक्स देना होगा, जबकि 10 लाख रुपये से अधिक की कीमत वाली गाड़ियों पर 11 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। वहीं, दोपहिया वाहनों की कीमत 40 हजार रुपये से कम होने पर टैक्स में कोई वृद्धि नहीं की गई है, और उनका टैक्स पहले की तरह सात प्रतिशत ही रहेगा।
परिवहन विभाग के कर ढांचे में बदलाव
यह कदम प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अनुमान है कि इस टैक्स वृद्धि से सरकार को सालाना 413 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। खासतौर पर, यह निर्णय परिवहन विभाग द्वारा किए गए करों में बदलाव के परिणामस्वरूप लिया गया है। राज्य सरकार ने 2015 के बाद पहली बार टैक्स बढ़ाया है।
कैबिनेट बैठक में किए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन, लखनऊ में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें 15 प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें से 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जबकि आवास विभाग के दो प्रस्तावों को कैबिनेट ने वापस कर दिया। इस बैठक में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया, जिससे राज्य की प्रशासनिक और वित्तीय स्थिति में सुधार की संभावना है।
मोटरयान कराधान अधिनियम में बदलाव
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 के तहत करों में परिवर्तन संबंधी परिवहन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इस बदलाव के तहत अब गैर परिवहन, यानी निजी वाहनों के वन टाइम टैक्स में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यह टैक्स वृद्धि एक अप्रैल 2025 से लागू होगी और वाहन खरीदने वालों को इससे प्रभावित होना पड़ेगा।
2015 के बाद पहली बार टैक्स में वृद्धि
यह पहली बार है जब सरकार ने 2015 के बाद मोटर वाहन करों में वृद्धि की है। इससे पहले भी सरकार ने वाहन करों में मामूली परिवर्तन किए थे, लेकिन इस बार यह वृद्धि ज्यादा व्यापक रूप से लागू की जा रही है। टैक्स में वृद्धि का उद्देश्य राज्य सरकार के राजस्व को बढ़ाना है, जो विकास योजनाओं और विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए जरूरी है।